रिहंद और बाणसागर से छोड़े गए पानी इंद्रपुरी बराज में 4 लाख क्यूसेक से अधिक जलप्रवाह पहुंचा


 रोहतास।सोन तटीय क्षेत्र में बीते कुछ दियनों से जारी भारी बारिश और ऊपरी जलाशयों से लगातार छोड़े जा रहे पानी के चलते इंद्रपुरी बराज पर जलप्रवाह तेजी से बढ़ता जा रहा है। बराज में 4 लाख क्यूसेक से अधिक पानी पहुंच गया, जिससे तटवर्ती इलाकों में सतर्कता बरतने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।


बराज को कोयल नदी के भीम बराज मोहम्मदगंज से 2 लाख 70 हजार क्यूसेक और बाणसागर जलाशय से 1 लाख 14 हजार क्यूसेक पानी प्राप्त हुआ है। शाम 4 बजे तक मुख्य तीनों नहरों में मिलाकर कुल 7372 क्यूसेक पानी की आपूर्ति की जा रही थी, लेकिन रात तक सुरक्षा कारणों से नहरों में जल आपूर्ति रोके जाने की संभावना जताई जा रही है।


मॉनिटरिंग सेल की कार्यपालक अभियंता भारती रानी ने बताया कि पानी की बढ़ती मात्रा की सूचना सभी संबंधित विभागों और स्थानीय प्रशासन को दे दी गई है। सोन टीला क्षेत्र के पशुपालकों और किसानों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी जा रही है। साथ ही, सोन नदी में नाव चलाने, तैराकी करने और बच्चों अथवा मवेशियों के प्रवेश पर रोक लगाने की चेतावनी जारी की गई है।


भारती रानी ने स्पष्ट किया कि वर्तमान में जलस्तर भले ही अधिक है, लेकिन स्थिति नियंत्रण में है और फिलहाल बाढ़ जैसी कोई आपात स्थिति नहीं है।बढ़ते जलस्तर की सूचना के बाद नौहट्टा अंचल के अंचलाधिकारी हिंदुजा भारती ने सोन नदी में आवागमन पर रोक लगा दी है। उन्होंने सोन डिला पर रहने वाले लोगों को सचेत रहने और अनावश्यक गतिविधियों से दूर रहने का निर्देश दिया है। सीओ ने बताया कि चार दिन पहले एक लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से बाढ़ जैसे हालात बन गए थे, जबकि इस बार इससे कहीं अधिक जलप्रवाह दर्ज किया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के पिपरी क्षेत्र में स्थित एशिया के सबसे बड़े रिहंद जलाशय में जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। इसकी मूल भराव क्षमता 882 फीट निर्धारित थी, लेकिन समय के साथ इसे घटाकर अब 870 फीट कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण रिहंद में जल का प्रवाह लगातार तेज होता जा रहा है, जिससे जलाशय भराव की अंतिम सीमा के करीब पहुंच चुका है।

हालांकि अभी स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है, लेकिन जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि को देखते हुए प्रशासन ने निगरानी बढ़ा दी है और तटीय गांवों में सतर्कता सुनिश्चित करने के लिए लगातार दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं।

रिपोर्टर

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