
भिवंडी के गोदाम क्षेत्र में फायर स्टेशन की कमी, ग्रामीणों और व्यापारियों में आक्रोश
- महेंद्र कुमार (गुडडू), ब्यूरो चीफ भिवंडी
- Aug 10, 2025
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भिवंडी। भिवंडी तालुका के ग्रामीण इलाकों में हजारों गोदाम होने के बावजूद अब तक एक भी स्वतंत्र फायर स्टेशन स्थापित नहीं किया गया है। आग लगने की बढ़ती घटनाओं और दमकल सेवाओं के समय पर न पहुंच पाने से हो रहे भारी नुकसान ने ग्रामीणों और व्यापारियों में नाराजगी पैदा कर दी है।भिवंडी के काल्हेर, काशेली, पूर्णा, दापोड़ा, रहनाल, मानकोली, वलगांव, कोनगांव, रंजनोली और पडघा जैसे ग्राम पंचायत क्षेत्रों में करीब 50 हजार गोदाम हैं, जिनमें फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़े, रसायन और अन्य ज्वलनशील पदार्थ बड़ी मात्रा में रखे जाते हैं। 2022 से 2024 के बीच ग्रामीण क्षेत्रों में 275 आग की घटनाएं दर्ज की गईं, लेकिन आग बुझाने की जिम्मेदारी भिवंडी, ठाणे और कल्याण डोंबिवली के दमकल विभागों पर ही रही।ग्रामीणों का कहना है कि संकरी और खराब सड़कों के कारण दमकल गाड़ियां अक्सर ट्रैफिक जाम में फंस जाती हैं, जिससे आग पर काबू पाने में देरी होती है और भारी वित्तीय व जनहानि होती है। कई गोदामों में पानी की उपलब्धता और आग बुझाने के उपकरणों की कमी से अग्निशमन कर्मियों को अतिरिक्त मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।शिवसेना के ग्रामीण जिला प्रमुख एवं एमएमआरडीए सदस्य देवानंद थले ने राज्य सरकार और एमएमआरडीए प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में एमएमआरडीए ने विकास शुल्क के रूप में करोड़ों रुपये वसूले, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में एक भी सुसज्जित फायर स्टेशन की स्थापना नहीं की गई।थले ने यह भी सवाल उठाया कि एमएमआरडीए ने स्वतंत्र फायर स्टेशन के निर्माण को मंजूरी तो दे दी, लेकिन अब तक काम शुरू क्यों नहीं हुआ। उन्होंने मांग की कि राज्य सरकार तुरंत भिवंडी ग्रामीण क्षेत्र में एक आधुनिक और पूर्ण रूप से सुसज्जित अग्निशमन केंद्र स्थापित करे, ताकि समय पर आग पर काबू पाया जा सके और जान-माल के नुकसान को रोका जा सके।
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