
भिवंडी के भूमिपुत्रों के हक़ में उतरे पूर्व केन्द्रीय मंत्री कपिल पाटिल
- महेंद्र कुमार (गुडडू), ब्यूरो चीफ भिवंडी
- Jul 14, 2025
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मुख्यमंत्री फडणवीस से मिलकर गोदामों को वैध कराने की करेंगे मांग
भिवंडी। भिवंडी तालुका के भूमिपुत्रों द्वारा आजीविका के लिए बनाए गए गोदामों को वैध कराने के लिए पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री कपिल पाटिल सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने बताया कि वे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात कर इन गोदामों को वैध करने की मांग करेंगे ताकि लगभग 20 से 25 लाख लोगों का रोजगार सुरक्षित रह सके।कपिल पाटिल ने सवाल उठाया कि क्या भिवंडी के भूमिपुत्रों को भी गिरणी (मिल) मजदूरों की तरह उजाड़ा जाएगा ? उन्होंने अपील की कि कोई भी जनप्रतिनिधि भूमिपुत्रों के व्यवसाय में बाधा न डाले बल्कि विकास कार्यों पर ध्यान दे।
गौरतलब है कि हाल ही में विधानमंडल में रासायनिक गोदामों में लगने वाली आग और सरकारी जमीन पर बने गोदामों को लेकर हुई चर्चा के बाद भिवंडी के भूमिपुत्रों में चिंता का माहौल है। उन्हें गोदामों पर कार्रवाई होने का डर सता रहा है। इसी के मद्देनजर कपिल पाटिल ने भिवंडी के उपविभागीय अधिकारी अमित सानप को एक निवेदन सौंपा, जिसमें अग्निशमन सुविधाओं सहित कई मुद्दों को उठाया गया। पाटिल ने बताया कि भिवंडी के ग्रामीण क्षेत्रों में ज़्यादातर गोदामें ग्राम पंचायत काल में बनी थीं। लेकिन अब जब यह क्षेत्र MMRDA (मुंबई महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण) के अंतर्गत आ गया है, तो इन्हीं गोदामों को नियमों के तहत अवैध ठहराया जा रहा है, जो कि भूमिपुत्रों के साथ अन्याय है। उन्होंने कहा कि गोदामों से लाखों लोगों की रोज़ी-रोटी जुड़ी है और केवल अधिवेशन के दौरान ही इन गोदामों की वैधता पर सवाल उठाना अनुचित है।कपिल पाटिल ने यह भी मांग की कि जिन अधिकारियों ने सरकारी ज़मीन पर फर्जी कागजात के जरिए गोदामों को मंजूरी दी, सबसे पहले उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।उन्होंने यह भी कहा कि समृद्धि महामार्ग, बुलेट ट्रेन, नाशिक वडोदरा महामार्ग और वडवण बंदरगाह जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स की वजह से इस क्षेत्र का विकास तेजी से हो रहा है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी विधान परिषद में माना कि भिवंडी के गोदाम आवश्यक हैं, क्योंकि यहीं से देशभर में आवश्यक वस्तुएं और कच्चा माल भेजा जाता है। यदि ये व्यवस्था चरमराई, तो पूरे देश की सप्लाई चेन पर असर पड़ेगा। पाटिल ने बताया कि पहले की वैधता प्रक्रिया में कई खामियां थीं, इसलिए अब मुख्यमंत्री से भूमिपुत्रों के साथ मिलकर नई नीति लाने की बात की जाएगी। इस दौरान उन्होंने विरार-अलिबाग कॉरिडोर में ज़मीन गंवाने वाले किसानों को लेकर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि प्रत्येक गांव के रेडी रेकनर दर के अनुसार किसानों को मुआवजा मिलना चाहिए, लेकिन यह दर भिन्न-भिन्न होने से किसानों में असंतोष है। जल्द ही इस मुद्दे पर कलेक्टर से बैठक होगी, और आवश्यकता पड़ने पर राज्य समिति के सामने भी विषय उठाया जाएगा।
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