भिवंडी-निज़ामपुर मनपा मुख्यालय बना सुरक्षा के नाम पर मज़ाक

बिना पहचान पत्र के मज़दूरों की घुसपैठ !

भिवंडी। भिवंडी-निज़ामपुर शहर महानगर पालिका (मनपा) का मुख्यालय इन दिनों ‘राम भरोसे’ चल रहा है। सुरक्षा के नाम पर जो इंतज़ाम दिखाए जा रहे हैं, वो केवल दिखावे भर हैं। हकीकत में मुख्यालय में कौन आ रहा है, कौन जा रहा है, किसी को कोई खबर नहीं।

छुट्टियों के दिन तो हालात और भी बेकाबू हो जाते हैं। बिना रोक-टोक के कोई भी व्यक्ति मनपा की इमारत में अंदर आता है, गलियारों में घूमता है और बिना पूछताछ बाहर निकल जाता है। चौकन्ना रहने का दावा करने वाले सुरक्षा गार्ड खुद आंखें मूंदे बैठे हैं। इस समय मनपा मुख्यालय दोनों इमारतों में लाखों रुपये की लागत से मरम्मत और रंग-रोगन का काम हो रहा है। लेकिन इस ठेके के तहत काम करने वाले मज़दूरों की कोई पहचान ही नहीं है। न तो ठेकेदार ने इन्हें कोई आईडी कार्ड दिए हैं, और न ही मनपा प्रशासन या सुरक्षा विभाग ने उनकी जांच करने की ज़हमत उठाई है।

सूत्रों के मुताबिक, 10 से 15 मज़दूर बिना किसी पहचान या पंजीकरण के रोज़ सुबह से लेकर देर रात तक दोनों इमारत के हर कोने में घूमते रहते है। उनके पास क्या है, क्या ले जा रहे हैं, इसकी कोई जांच नहीं होती। भिवंडी मनपा मुख्यालय कोई आम इमारत नहीं। यहां शहर के महत्वपूर्ण दस्तावेज़, फाइलें और गोपनीय जानकारी रखी गई हैं। ऐसे में सुरक्षा में चूक सीधे तौर पर प्रशासन की गंभीर लापरवाही का संकेत देती है। क्या प्रशासन किसी अनहोनी का इंतज़ार कर रहा है ? क्या सुरक्षा नाम की चीज़ सिर्फ वीआईपी विज़िट तक सीमित है ? मनपा की इस ढीली व्यवस्था से न सिर्फ कार्यालय के कर्मचारी, बल्कि आम नागरिक भी डरे हुए हैं। लोगों ने मांग की है कि बिना विलंब के सभी मजदूरों का सत्यापन किया जाए, पहचान पत्र अनिवार्य किए जाएं और सुरक्षा व्यवस्था को पूरी तरह दुरुस्त किया जाए। यही नहीं कुछ तथाकथित आरटीआई कार्यकर्ता भी छुट्टी के दिनों में भी‌ पालिका में चहल कदमी करते दिखाई पड़ते हैं। ऐसे लोगों को चिन्हित कर उन पर कानून कार्रवाई करने की मांग दक्ष नागरिकों ने की है। अगर अब भी प्रशासन नहीं जागा, तो इसका खामियाज़ा पूरे शहर को भुगतना पड़ सकता है।

रिपोर्टर

संबंधित पोस्ट