भिवंडी महानगर पालिका में अहिल्याबाई होलकर का अपमान

300 वीं जयंती पर अधिकारी नदारद

भिवंडी। पूरे महाराष्ट्र में जहां पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती धूमधाम से मनाई जा रही है, वहीं भिवंडी-निजामपूर शहर महानगरपालिका में इस ऐतिहासिक अवसर पर प्रशासनिक उदासीनता साफ नजर आई। कार्यक्रम तो आयोजित हुआ, मगर उसका स्वरूप मात्र औपचारिकता तक सिमटकर रह गया।

राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग के 18 फरवरी 2025 के परिपत्रक व महानगरपालिका के प्रशासक तथा आयुक्त अनमोल सागर (भा.प्र.से.) के निर्देशानुसार, आज 31 मई को महानगरपालिका मुख्यालय के तल मंजिल पर पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होलकर की जयंती मनाई गई। प्रभाग समिती क्र. 5 के सहायक आयुक्त  बालाराम जाधव ने उनकी प्रतिमा पर पुष्पहार अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। लेकिन इस गरिमामय कार्यक्रम की शोभा तब फीकी पड़ गई जब देखा गया कि कोई भी वरिष्ठ अधिकारी या शासकीय कर्मचारी इस अवसर पर उपस्थित नहीं था। यहां तक कि जनसंपर्क अधिकारी श्रीकांत परदेशी, जिनकी भूमिका ऐसे आयोजनों में केंद्रीय होती है, वह भी नदारद रहे।

सुरक्षा व क्रीडा अधिकारी मिलिंद पलसुले और कुछ कर्मचारी अवश्य मौजूद थे, लेकिन जिस भव्यता और सम्मान के साथ अहिल्याबाई होलकर जैसी महान नारी का स्मरण किया जाना चाहिए था, वह पूरी तरह गायब था। सामाजिक संगठनों और नागरिकों ने इस घटना को पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होलकर का सीधा अपमान बताया है। सवाल यह उठता है कि क्या प्रशासन महापुरुषों के सम्मान को केवल परिपत्रकों और फाइलों तक सीमित कर चुका है? जागरूक नागरिकों की माने तो अहिल्याबाई होलकर, जिन्होंने अपने शासन में न्याय, विकास और संस्कृति की मिसाल कायम की, उनकी 300वीं जयंती पर इस तरह की उदासीनता न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि यह प्रशासन की कार्यसंस्कृति पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़ा करती है।

रिपोर्टर

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