
बेमौसम की बारिश ने ईंट भट्टा व्यापारियों की तोड़ी कमर
- राजेश कुमार शर्मा, उत्तर प्रदेश विशेष संवाददाता
- Feb 22, 2020
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लादेन मंसूरी की रिपोर्ट
बरेली ।। शीशगढ़ कस्वे को भट्टा नगरी के नाम से जाना जाता है शीशगढ़ कस्वे के लोगो का मुख्य कारोबार ईंट भट्टा ही है।कस्बे का हर तीसरा व्यक्ति किसी न किसी रूप में ईंट भट्टे के कारोबार से जुड़ा हुआ है।अभी कच्ची ईंट बनकर तैयार हुई थी की एक बार फिर बारिश ने भट्ट मालिको के अरमानो पर पानी फेर दिया ।
बताया जाता है कि अधिकांस्ता ईंट भट्टो पर अभी तक ईंट पकाने का कम शुरू नही हो पाया है।माह दिसम्बर से अब तक कई बार अच्छी बारिश हो चुकी है जिस कारण कच्ची ईंट बारिश की भेंट चढ़ जाने से ईंट भट्टा व्यवसाय पर संकट के बादल मंडराने लगे है। भट्टे में अब लागतें लगातार बढ़ती ही जा रही है।जिससे भट्टा व्यापारी परेशान है।
ईंट भट्ठों पर कच्ची ईंट पकाने के लिए अब भट्ठों में आग चढ़ाने की तैयारी शुरू थी कि बीती रात हुई बारिश ने कुछ ही देर में कच्ची ईंट को तहिस नहिस कर दिया।
जिला एडन्ट निर्माता समिति के अध्यक्ष हाजी आफताब अहमद ने बताया कि ईंट भट्ठों का कारोबार लगातार संकट से जूझ रहा है।लागते कगातर बढ़ रही रही है। टैक्स में भी कोई छूट नहीं मिल रही है जबकि मिटटी खनन के नाम पर पुलिस भी ईंट भट्टा स्वामियों का उत्पीड़न कर रही है उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि बारिश से दैवीय आप्ता से ईंट भट्ठों पर जो हानि हुई है उसकी पूर्ती के लिए टैक्स की दरें कम करके भट्टा व्यपारियों को आर्थिक मदद की जाये जिससे ईंट भट्टे घाटे से निजात मिले।
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