छात्रों की मेहनत और भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही केंद्र और राज्य की सरकारे- अजीत सिंह

संवाददाता श्याम सुंदर पाण्डेय की रिपोर्ट 

दुर्गावती(कैमूर)-- आज देश में या राज्य में खाली पड़े पदों पर समय से बहाली नहीं लेना क्या युवाओं के साथ ना इंसाफी नहीं है। परीक्षा लेकर बरसों तक रिजल्ट को रोक देना, यही नहीं कभी-कभी परीक्षा को ही कैंसिल कर देना पेपर लिक कर देना, ऑनलाइन परीक्षा में सरवर का काम नहीं करना, माउथ पीस का खराब हो जाना, गलत प्रश्न पत्रों का चयन कर छात्रों के सामने परोसना, फिर परीक्षा को कैंसिल कर देना यह सब क्या है। क्या उनके उम्र की अवधि समाप्त नहीं हो रही है, क्या राज्य सरकार या केंद्र की सरकार उनकी उम्र को वापस ला सकती है ऐसे तमाम तरह के सवाल है जिसका उत्तर न राज्य सरकार के पास है न केंद्र सरकार के पास है। देश के करोड़ों युवाओं के सपनों को SSC परीक्षा में हुई लापरवाही और साजिश ने गहरी चोट पहुँचाई है। उक्त बातें रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव में राष्ट्रीय जनता दल के प्रत्याशी अजीत सिंह ने कही।

आगे उन्होंने कहा सबसे गंभीर बात यह है कि इस परीक्षा का संचालन एक विवादास्पद निजी कंपनी Eduquity को सौंपा गया जिसने पहले ही Vyapam जैसे घोटालों में अपनी संदिग्ध भूमिका के लिए बदनामी झेली है।

सवाल ये है जब TCS जैसी प्रतिष्ठित, पारदर्शी और अनुभवी कंपनी सालों से SSC परीक्षा को सफलता पूर्वक आयोजित करती आ रही थी, तब उसे अचानक हटाकर एक पूर्व ब्लैकलिस्टेड एजेंसी को ठेका क्यों दिया गया?

क्या अब पूरे देश में Vyapam मॉडल को ही लागू किया जा रहा है, जहाँ छात्रों की मेहनत, योग्यता और जीवन सब कुछ एक ठेके पर देकर दांव पर लगा दिया जाए?छात्र-छात्राओं के साथ हुई सरकार के द्वारा ज्यादतियाँ उसके प्रमाण है।बिना किसी पूर्व सूचना के परीक्षा केंद्र पर पहुँचने के बाद परीक्षा को रद्द कर देना क्या यह छात्रों के साथ खिलवाड़ नहीं है। यही नहीं ,बायोमेट्रिक सिस्टम फेल, खराब कंप्यूटर, माउस न चलना और फिर बाहर का रास्ता दिखा देना यह सब क्या है।छात्रों को हज़ारों किलोमीटर दूर के सेंटर भेज दिया गया और जब इन अन्यायों के ख़िलाफ़ छात्र सड़क पर उतरे, तो उन्हें मिला लाठी और अपमान!

परीक्षार्थीयों की माँगें साफ़ हैं- Eduquity का ठेका तत्काल रद्द किया जाए, पूरे मामले की न्यायिक जांच हो, दोषी अधिकारियों और एजेंसियों पर सख़्त कार्रवाई हो, प्रभावित छात्रों को दोबारा परीक्षा का अवसर और खर्च का मुआवजा मिले, छात्रों पर हुए लाठीचार्ज की जांच और सार्वजनिक माफी सरकार मांगे।यह सिर्फ एक परीक्षा की गड़बड़ी नहीं है देश में होने वाली तमाम अनेकों प्रकार की परीक्षाओं में गड़बड़ियां होती रही है क्या यह देश के युवाओं के आत्मसम्मान, मेहनत और हक पर हमला नहीं है।

  आरक्षणके तहत राष्ट्र के भविष्य से किया जा रहा खिलवाड़ यह कहने की राजनीतिक पार्टियों के कारिंदों में क्षमता नहीं 

यदि सचमुच देखा जाए तो राष्ट्र में जहां भी देखो लिंग, जाति, धर्म व क्षेत्र आधारित द्वेष व कानूनों की वजह से आपसी तनाव भारी मात्रा में व्याप्त है,राजनीतिक पार्टियां सत्ता पर काबिज होने के लिए भी इसका सहारा लेती है। जबकि अयोग्यता आरक्षण की वजह से राष्ट्र में बेरोजगारी, जातिगत उन्माद धार्मिक उन्माद, क्षेत्रवाद उन्माद व भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है।जब किसी प्रतियोगी परीक्षा में 30% अंक लाने वाला किसी पद पर विराजमान होगा और 90% अंक लाने वाला बेरोजगार होगा, तो देश का भविष्य क्या होगा यह सोचने का विषय है।पर सच कहा जाए तो लिंग, जाति, धर्म व क्षेत्र आधारित द्वेष व कानूनों की वजह से राष्ट्र के भविष्य से खिलवाड़ हो रहा है, यह बोलने की क्षमता किसी भी राजनीतिक पार्टियों के कारिंदों में नहीं है।


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