
मड़ियाहूं क्षेत्र में चल रहे अमान्य विद्यालय को बंद कराने की मांग
- वेद प्रकाश शुक्ल, विशेष संवाददाता
- Aug 01, 2018
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जौनपुर। एक तिहाई सत्र बीतने के बाद भी सरकार परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को किताबें नहीं मुहैया करा पाई है। जूनियर हाईस्कूलों में केवल कक्षा सात के विद्यार्थियों को ही किताबें मिली हैं तो वही मडियाहू क्षेत्र में चल रहे अमान्य विद्यालयों को बंद कराने के लिए ग्रामीणों ने उप जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया है।
सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का स्तर सुधारने का लगातार दावा अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है। जमीनी हकीकत यदि देखे तो बिलकुल विपरीत है। अप्रैल माह से सत्र चालू है और जुलाई माह बीत गया। इस प्रकार सत्र का एक तिहाई समय बीत गया किन्तु किताब सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों को नहीं मिल पाई है। प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को किताब दी गई मगर सभी विषयों की नहीं मिली है। जूनियर हाईस्कूलों के कक्षा 6 और 8 के छात्र छात्राओं को अभी भी पुस्तक मिलने का इंतजार है। ऐसे में बिना किताबों के ही हो रही पढाई के आधार पर शैक्षिक उन्नयन की सहज ही कल्पना की जा सकती है। खण्ड शिक्षा अधिकारी शैलपति यादव का कहना है कि जिले स्तर पर कुछ पुस्तकें वितरण के लिए आने की जानकारी मिली है। शीघ्र ही ब्लाक के विद्यालयों में वितरण करवाया जाएगा। मड़ियाहूं क्षेत्र में चल रहे अमान्य विद्यालयों को बंद करने के लिए ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को संबोधित उप जिलाधिकारी को देकर कार्रवाई की मांग की। पूर्व प्रधान संघ के अध्यक्ष राजकुमार शर्मा के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपकर बताया कि विकास खंड में अमान्य प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय जगह-जगह खोलकर बच्चों और अविभावकों का शोषण किया जा रहा है। जहां पर न तो मान्यता है और न ही मानक के अनुरूप व्यवस्था है। ऐसे विद्यालय इंग्लिश मीडियम का बोर्ड लगा कर अभिभावकों से मनमानी फीस वसूल रहे हैं। शिक्षण सत्र शुरू हुए 4 माह से अधिक बीत चुका है लेकिन ऐसे फर्जी विद्यालयों पर आज तक रोक नहीं लग सकी है। क्षेत्र में चल रहे बिना मान्यता के विद्यालयों पर रोक लगाने की मांग की गई है। इस अवसर पर सुनील कुमार, सुरेंद्र प्रजापति, रामकिशन पटेल ,आशीष कुमार, शालिग्राम आदि उपस्थित रहे। बयालसी इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य ने मंगलवार को बिद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों के अभिभावकों के साथ मीटिंग कर बच्चों के पठन पाठन व अन्य विषय पर अभिभावकों के साथ विचार विमर्श किया। प्रधानाचार्य डा. शैलेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि अनुशासनहीनता आज एक सामाजिक बुराई का स्वरूप ले चुकी है। जिसका प्रभाव जीवन के हर क्षेत्र में दिखाई पड़ रहा है। इसका निदान मात्र शिक्षक व अभिभावक अपने संयुक्त प्रयास से ही कर सकते हैं।अभिभावक बच्चों को विद्यालय यूनिफार्म में समय से भेजें अगर बच्चा विद्यालय यूनिफार्म में नहीं आता है तो समझ ले कि वह बच्चा विद्यालय में नहीं पढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि एमडीएम में पूर्ण गुडवत्ता का ध्यान रखा जाता है फिर भी किसी प्रकार की समस्या हो तो अभिभावक बिद्यालय को जरूर बताएं।
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