भिवंडी डेवलपमेंट प्लान पर बवाल !

व्यापारी व रहिवासी संघर्ष समिति ने लगाया आरोप—यह बिल्डर्स डेवलपमेंट प्लान है, शहर का नहीं


भिवंडी। भिवंडी-निजामपुर शहर महानगरपालिका द्वारा प्रकाशित प्रारूप डेवलपमेंट प्लान को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। कल्याण रोड व्यापारी व रहिवासी संघर्ष समिति ने इस प्लान को “भिवंडी डेवलपमेंट प्लान” नहीं, बल्कि “बिल्डर्स डेवलपमेंट प्लान” करार दिया है। समिति का आरोप है कि प्लान में कई आरक्षण हटाकर बिल्डरों को सीधा फायदा पहुंचाया गया है। संघर्ष समिति ने पत्रकार परिषद आयोजित कर बताया कि राज्य सरकार ने पहले ही कल्याण रोड के हज़ारों दुकान, मकान और धार्मिक स्थलों को बचाने के लिए मेट्रो-5 को भूमिगत करने का निर्णय लिया था, जिस पर 1700 करोड़ रुपये खर्च भी हो रहे हैं। ऐसे में, मनपा द्वारा कल्याण रोड को चौड़ा करने का प्रस्ताव जनता के साथ अन्याय है,समिति ने कहा कि यह बदलाव शहर के विकास के लिए नहीं, बल्कि कुछ नेताओं और बिल्डरों के हित में किए गए हैं। प्लान में ज़ीनत कंपाउंड, टेमघर और कनेरी के कई आरक्षण हटाकर रेसिडेंशियल और कॉमर्शियल जोन कर दिया गया है। गोदरेज व रिलायंस जैसी बड़ी कंपनियों के प्रोजेक्ट्स को लाभ पहुंचाने का आरोप भी लगाया गया है। इतना ही नहीं, कई जगह सड़क चौड़ीकरण का प्रस्ताव इस तरह से रखा गया है कि आम नागरिकों की संपत्तियाँ प्रभावित हों, जबकि बिल्डरों के प्रोजेक्ट बच जाएँ। संघर्ष समिति ने आरोप लगाया कि शहर के दोनों विधायक और प्रशासक बिल्डर लॉबी के साथ मिलकर नागरिकों की जमीनों का बलिदान कर रहे हैं। समिति ने उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से हस्तक्षेप कर प्रारूप डेवलपमेंट प्लान रद्द करने और हजारों नागरिकों के घर-दुकान व धार्मिक स्थलों को बचाने की मांग की है।यह विवाद अब भिवंडी शहर में सियासी व सामाजिक बहस का केंद्र बन गया है।

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