आक्रोशित किसानों ने भारत माला परियोजना एक्सप्रेस-वे निर्माण कार्य को रोका

पुलिस बल के साथ किसानों को डराने-धमकाने का हथकंडा अनुमण्डल पदाधिकारी का काम नहीं आया 

संवाददाता अभिमन्यु सिंह की रिपोर्ट 
चांद (कैमूर)--  प्रशासन के द्वारा किसानों की धान की फसल बुधवार को रौंदने का प्रयास सफल नहीं हो पाया। सैकड़ों की संख्या में उपस्थित किसानों ने बिना डरे भारत माला परियोजना बनारस रांची टु कोलकाता एक्सप्रेस-वे निर्माण कार्य को रोक दिया। मंगलवार को कैमूर प्रशासन के द्वारा पुलिस बल की ताकत का प्रयोग कर किसानों के साथ मारपीट कर जबरदस्ती धान की फसल को रोकने का काम किया। मंगलवार को किसानों ने रोकने का प्रयास किया। मंगलवार को किसानों ने अनुमण्डल पदाधिकारी एवं पुलिस बल की चुनौती को स्वीकार किया। बुधवार को बिरना करवंदिया गांव में किसान जाकर भारत माला परियोजना एक्सप्रेस-वे निर्माण कार्य के लिए रोक दिया। किसान जय जवान जय किसान एवं किसान एकता जिंदाबाद नारे लगा रहे थे।। सुबह नौ बजे किसान बिरना करवंदिया पंहुचने लगे धीरे धीरे 10.30 पर सैकड़ों किसान उपस्थित स्थल  हो गए।11.30 बजे अनुमण्डल पदाधिकारी भभुआ के नेतृत्व दर्जनों पुलिस बल को लेकर पुरे लाव लश्कर के साथ किसानों को हडकाने का प्रयास किया। पुलिस ने किसानों को भगाने का प्रयास किया। पुलिस को ज़बाब देने के लिए सैकड़ों किसान धान की खेत में लेट गए । किसानों की संकल्प के आगे पुलिस चुप हो गई।पुरे दिन किसान पुलिस बल आमने-सामने बैठे हुए थे। खबर लिखे जाने तक भारत माला परियोजना बनारस रांची टु कोलकाता एक्सप्रेस-वे निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ। पुलिस देर शाम तक काम को रोके रहे। मंगलवार को कैमूर प्रशासन ने सिहोरा बिरना करवंदिया गांव की 50 एकड़ धान की फसल जेसीबी मशीन से रौंद दिया। अपनी धान की फसल बचाने के प्रयास कर रहे किसानों के मारपीट किया गया और रामाकांत सिंह अरविंद सिंह सुरेंद्र सिंह अरूण सिंह करवंदिया प्रदीप यादव बिरना को गिरफ्तार कर लिया गया। रात्रि 10 बजे बेल बाउंड भरवाकर चारों किसानों को छोड़ा गया। भारत माला परियोजना एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए उचित मुआवजा की मांग कर रहे किसानों ने एक जिला एक परियोजना एक भूमि प्रकृति एक मुआवजा की मांग को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं।


किसानों ने कहा एक परियोजना में समान मुआवजा मिलना चाहिए। भारत माला परियोजना में सीओं गांव में किसानों को कृषि भूमि का 1.40 लाख रुपए मुआवजा दिया जा रहा है। जबकि बाकी किसानों 28 लाख रुपए के आसपास मुआवजा दिया जा रहा है। भारत माला परियोजना का विरोध का मुख्य कारण मुआवजा की असमानता है।आज की वर्तमान स्थिति को देखते हुए लग रहा है किसानों ने आर पार की लड़ाई के मुड में है। विमलेश पांडेय अध्यक्ष किसान संघर्ष मोर्चा कैमूर ने कहा बिना मुआवजा दिए किसानों की फसल रौंदा जा रहा है। उन्होंने ने कहा कैमूर प्रशासन का रवैया तानाशाही है। किसान मरते दम तक उचित मुआवजा की मांग करते रहेंगे। सचिव अनिल सिंह अध्यक्ष भारतीय किसान यूनियन कैमूर अभिमन्यु सिंह ने कहा देश के अन्नदाता को परेशान किया जा रहा। किसानों पिछले तीन सालों से उचित मुआवजा की मांग कर रहे हैं। किसान नेताओं ने कहा गुंगी बहरी सरकार किसानों की मांग की अनदेखी कर रही है। भारत माला परियोजना बनारस रांची टु कोलकाता एक्सप्रेस-वे के लिए कैमूर जिले में 93 मौजा की हजारों एकड़ भूमि अधिग्रहण की गई है।एक जिला एक परियोजना एक भूमि प्रकृति एक मुआवजा की मांग कर रहे हैं धरना प्रदर्शन में टुनटुन सिंह श्याम सुन्दर सिंह अरविंद सिंह जगरिया गज्जन सिंह पतियार राम संजय बिंद भुपेंद्र सिंह चंद्रजीत यादव तिलेश्वर दुबे मंशा सिंह मुन्ना भाई अवधेश कुमार आदि किसान उपस्थित थे।


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