कार्ला एकवीरा देवी मंदिर में ड्रेस कोड अनिवार्य, 7 जुलाई से लागू होंगे नए नियम

अंग प्रदर्शन करने वाले कपड़ों पर प्रतिबंध

भिवंडी‌। राज्यभर के आगरी-कोली समाज सहित लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र माने जाने वाले कार्ला स्थित एकवीरा देवी मंदिर में अब अंग प्रदर्शन करने वाले पश्चिमी परिधानों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है। मंदिर की पवित्रता और धार्मिक मर्यादा बनाए रखने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है। मंदिर ट्रस्ट के प्रमुख विश्वस्त और सांसद सुरेश म्हात्रे उर्फ बाल्या मामा ने जानकारी देते हुए बताया कि 7 जुलाई 2025 से ड्रेस कोड से संबंधित नए नियमों की औपचारिक अमलवारी शुरू की जाएगी।यह निर्णय शुक्रवार को मंदिर परिसर में आयोजित विश्वस्त मंडल की बैठक में सर्वसम्मति से पारित किया गया। सांसद बाल्या मामा ने बताया कि हाल के दिनों में ट्रस्ट को कई श्रद्धालुओं की शिकायतें प्राप्त हुई थीं, जिनमें कहा गया कि कुछ लोग मंदिर में दर्शन के लिए शॉर्ट्स, मिनी स्कर्ट, फटी जीन्स जैसे अंग प्रदर्शन करने वाले कपड़े पहनकर आते हैं। इससे मंदिर की मर्यादा को ठेस पहुंचती है और अन्य श्रद्धालुओं की धार्मिक भावना भी आहत होती है।

नए नियमों के अनुसार, मंदिर में शॉर्ट्स, मिनी स्कर्ट, फटी जीन्स, हाफ पैंट्स और अन्य अंग प्रदर्शन करने वाले वस्त्र पहनकर आना पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा। ड्रेस कोड के तहत महिलाओं और लड़कियों को साड़ी, सलवार-कुर्ता, चूड़ीदार या अन्य पारंपरिक भारतीय वस्त्र पहनने की सलाह दी गई है, जिससे शरीर पूरी तरह ढका हो। वहीं पुरुषों और लड़कों के लिए धोती, कुर्ता-पायजामा, पैंट-शर्ट या ऐसे अन्य शालीन वस्त्र पहनना आवश्यक होगा। मंदिर ट्रस्ट को यह भी शिकायतें मिली थीं कि कुछ कर्मचारी दर्शन के दौरान श्रद्धालुओं से दुर्व्यवहार करते हैं और उन पर चिल्लाते हैं। इसे गंभीरता से लेते हुए ट्रस्ट ने सभी कर्मचारियों को निर्देश दिए हैं कि वे भक्तों से मर्यादित और विनम्र व्यवहार करें तथा किसी प्रकार का विवाद न करें। सांसद बाल्या मामा ने सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे मंदिर की गरिमा बनाए रखने के लिए इन नियमों का पालन करें और दर्शन के समय मर्यादित एवं पारंपरिक वस्त्र धारण करें। उनका कहना है कि यह निर्णय भक्तों की भावनाओं और मंदिर की परंपरा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, जिससे धार्मिक स्थल की पवित्रता बनी रहे।

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