गायत्रीनगर में अतिक्रमण हटाने पहुँचे पालिका अधिकारियों को रहवासियों ने घेरा, हालात बने तनावपूर्ण

पहाड़ी व तलहटी पर बसे सवा लाख मकान एक मंजिल से तीन मंजिल तक


भिवंडी। भिवंडी के गायत्रीनगर इलाके में शनिवार को उस समय तनाव फैल गया जब अवैध निर्माणों पर कार्रवाई करने पहुँचे भिवंडी-निज़ामपुर महानगर पालिका के अधिकारियों को स्थानीय रहवासियों ने घेर लिया। भारी पुलिस बंदोबस्त के बावजूद नागरिकों ने जोरदार विरोध दर्ज कराया, जिससे कार्रवाई कुछ समय के लिए स्थगित करनी पड़ी। प्राप्त जानकारी के अनुसार, 24 जून की रात गायत्रीनगर की पहाड़ी पर तेज बारिश के कारण एक विशाल पेड़ गिरने से भूस्खलन हुआ था। मलबे का हिस्सा नीचे स्थित पांच मकानों पर गिरा, जिससे वे आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए। हालांकि इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन मामला गंभीर होने के कारण पालिका प्रशासन ने तत्कालीन रूप से पहाड़ी क्षेत्र के 126 मकानों को खाली करने का नोटिस जारी किया। शनिवार को पालिका के प्रभाग समिति क्रमांक एक व दो के अधिकारी, आपातकालीन विभाग और पुलिस बल के साथ मौके पर पहुँचे और इन मकानों की बिजली व पानी की आपूर्ति काट दी गई। यह कार्रवाई देखते ही देखते विवाद का कारण बन गई और आक्रोशित रहवासियों ने पालिका अधिकारियों को घेर लिया। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पूर्व नगरसेवक विकास निकम और समाजसेविका झुमरी ताई ने मध्यस्थता की। लंबी बातचीत के बाद यह सहमति बनी कि केवल उन मकानों की बिजली व पानी की आपूर्ति रोकी जाएगी, जो सीधे भूस्खलन संभावित क्षेत्र में आते हैं। बाकी मकानों की आपूर्ति पुनः जोड़ने का आश्वासन अधिकारियों ने दिया, जिसके बाद मामला शांत हुआ। उल्लेखनीय है कि गायत्रीनगर, शांतिनगर, नूरीनगर, नेहरूनगर, नवी बस्ती, गदहानगर, अजमेर नगर, पटेल कंपाउंड, नारपोली, फुलेनगर और देवजी नगर जैसे इलाके भिवंडी की पहाड़ी व तलहटी में बसे हुए हैं, जहां अनुमानतः सवा लाख से अधिक मकान मौजूद हैं। इनमें से अधिकांश मकान वन विभाग की आरक्षित जमीन पर अवैध रूप से निर्मित हैं। स्थानीय नागरिकों और सूत्रों का आरोप है कि पालिका अधिकारियों की मिलीभगत और रिश्वतखोरी के चलते इन अवैध आरसीसी निर्माणों को वर्षों तक नजरअंदाज किया गया। कई मकान एक से तीन मंजिल तक के हैं, जो पूरी तरह से नियमों के विरुद्ध हैं और अब मानसून के दौरान खतरा बनते जा रहे हैं। पालिका प्रशासन ने पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों से अपील की है कि वे स्वयं अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए असुरक्षित मकान खाली करें। साथ ही, पालिका ने आगे की कार्रवाई के संकेत भी दिए हैं। उधर रहवासियों ने भी किसी भी जबरन कार्रवाई के विरोध में मोर्चा खोलने की चेतावनी दी है।

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