
चक्रवर्ती सम्राट प्रियदर्शी अशोक महान की 2329वीं जयंती बड़े ही श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाई गई
- श्याम नारायण मौर्य, संवाददाता आजमगढ़
- Apr 05, 2025
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आज़मगढ़ । मौर्य कुशवाहा शाक्य सैनी मैत्रेय प्रगति मंच के सौजन्य से राष्ट्रनायक, अखंड भारत के निर्माता, मानवता के शौर्यवीर चक्रवर्ती सम्राट प्रियदर्शी अशोक महान की 2329वीं जयंती बड़े ही श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाई गई। नेहरू हाल, कलेक्ट्रेट आज़मगढ़ में मौर्य कुशवाहा शाक्य सैनी मैत्रेय प्रगति मंच के सौजन्य से राष्ट्रनायक, अखंड भारत के निर्माता, मानवता के शौर्यवीर चक्रवर्ती सम्राट प्रियदर्शी अशोक महान की 2329वीं जयंती बड़े ही श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाई गई ।
आजमगढ कार्यक्रम की अध्यक्षता और मुख्य वक्ता रहे आदरणीय करुणाकांत मौर्य, प्रदेश सचिव, समाजवादी पार्टी एवं संयोजक मैत्रेय प्रगति मंच। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि सम्राट अशोक ने गौतम बुद्ध के करुणा, दया और मैत्री के संदेश को शिलालेखों के माध्यम से सम्पूर्ण विश्व में फैलाया। उन्होंने अपने पुत्र-पुत्रियों को शांति दूत बनाकर विदेशों में भेजा और विश्व को अहिंसा और मानवता का मार्ग दिखाया। उन्होंने बताया कि भारत के संविधान, राष्ट्रीय प्रतीकों और प्रशासनिक व्यवस्थाओं में आज भी मौर्य काल के दर्शन होते हैं – जैसे अशोक चक्र, अशोक स्तंभ, राष्ट्रीय पक्षी मोर, राष्ट्रीय पुष्प कमल आदि। बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने भी सम्राट अशोक को अपना प्रेरणास्त्रोत माना।
श्री हवलदार यादव ने कहा कि सम्राट अशोक ने जनकल्याण के लिए सड़कों का निर्माण, वृक्षारोपण, कुएं और जलाशयों की व्यवस्था करवाई।श्री विजय यादव ने सम्राट अशोक को करुणा, शांति और अखंड भारत का प्रतीक बताया।कार्यक्रम की शुरुआत भंते श्रद्धानन्द और भंते भीमसेन द्वारा बुद्ध वंदना से हुई। समाज में व्याप्त जातिवाद, मृत्यु भोज और अंधविश्वास जैसी कुरीतियों को समाप्त करने का संकल्प लिया गया। हजारों युवाओं ने सम्राट अशोक के झंडे लेकर जुलूस निकाला और पल्हना स्थित अशोक स्तंभ पर दीपदान कर श्रद्धा अर्पित की।कार्यक्रम को वीरेन्द्र मौर्य, कैलाश मौर्य, मनकू कुशवाहा, त्रिभुवन मौर्य, संजय मौर्य, कल्पनाथ यादव, रामविलास मौर्य, सल्टन बौद्ध, इन्द्रदेव मौर्य और अन्य वक्ताओं ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का उद्देश्य था – सम्राट अशोक के विचारों को जन-जन तक पहुँचाना और एक समतामूलक, शांति-प्रिय, "सोने का भारत" बनाना।
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