नकली सामानों का गढ़ बनता भिवंडी

अमूल बटर के नाम पर ज़हर परोसने का पर्दाफाश

भिवंडी। भिवंडी में नकली उत्पादों के बढ़ते कारोबार ने एक बार फिर शहर को कटघरे में खड़ा कर दिया है। इस बार मामला खाद्य सुरक्षा से जुड़ा है, अमूल जैसे प्रतिष्ठित ब्रांड के नाम पर नकली बटर बनाकर खुलेआम बेचा जा रहा था। खाद्य व औषध प्रशासन और स्थानीय पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में इस घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। शांतिनगर पुलिस थाना क्षेत्र के भुसावल कंपाउड इलाके के एक गोदाम पर मारे गए छापे में बड़ी मात्रा में नकली अमूल बटर, रैपर, पैकिंग मशीनें और संदिग्ध केमिकल जब्त किए गए हैं। पहली नजर में यह बटर देखने में असली जैसा प्रतीत होता है, लेकिन इसकी बनावट और गंध से ही इसकी मिलावटी प्रकृति सामने आ गई। अधिकारियों ने बताया कि यह बटर न सिर्फ मानकों के खिलाफ है, बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक भी साबित हो सकता था। अधिकारियों के अनुसार, यह गिरोह अमूल के नाम पर नकली बटर तैयार कर रहा था और उसे स्थानीय बाजारों, होटल और रिटेल दुकानों में खपाया जा रहा था। इस नकली बटर में इस्तेमाल किए जा रहे रसायनों की जांच के लिए सैंपल लैब भेज दिए गए हैं। प्रारंभिक जांच में इसमें खाद्य के अयोग्य तत्व पाए जाने की आशंका जताई जा रही है। इस पूरे मामले में जिशान  मुस्ताक मोहम्मद अंसारी (29) और मोहम्मद मुद्दरीस अकरम अंसारी शेख (23) के खिलाफ शांतिनगर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है और अन्य लोगों की तलाश जारी है जो इस नेटवर्क से जुड़े हो सकते हैं। जांच अधिकारियों का मानना है कि यह सिर्फ एक गोदाम नहीं, बल्कि नकली खाद्य उत्पादों की एक सुनियोजित सप्लाई चेन का हिस्सा हो सकता है। अन्न सुरक्षा अधिकारी  श्रीमति शुभांगी जितेन्द्र केणे ने यह शिकायत शांतिनगर पुलिस स्टेशन में दर्ज करवाई है। 

भिवंडी पिछले कुछ वर्षों में नकली मसाले, पेयजल, चिप्स,साबुन,सौंदर्य प्रसाधन, दवाइयां और अब नकली डेयरी उत्पादों का केंद्र बनता जा रहा है। यह न केवल उपभोक्ताओं की सेहत से खिलवाड़ है, बल्कि ब्रांड की प्रतिष्ठा को भी सीधा नुकसान पहुंचाने वाला संगठित अपराध है।प्रशासन की कार्रवाई भले ही एक सफल कदम मानी जा रही हो, लेकिन असली चुनौती अब इस पूरे नेटवर्क की जड़ों तक पहुंचने और इसे पूरी तरह खत्म करने की है।

रिपोर्टर

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