सांसद की प्रेस कॉन्फ्रेंस ‘खोदा पहाड़, निकली चुहिया’ ! ---कपिल पाटील

भिवंडी। भिवंडी लोकसभा क्षेत्र में सियासी हलचल तेज़ हो गई है। मौजूदा सांसद सुरेश ऊर्फ बाल्यामामा म्हात्रे द्वारा हाल ही में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस पर पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री कपिल पाटील ने तीखा हमला बोला है।उन्होंने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को 'खोदा पहाड़, निकली चुहिया' करार देते हुए कहा कि जनता को इससे कोई ठोस जानकारी या समाधान नहीं मिला, सिर्फ निरर्थक आरोप दोहराए गये। इसके साथ उन्होंने कहा कि सांसद में काम करना आना चाहिए किन्तु यहां " नाच ना आवे आंगन टेढ़ा" जैसा है। 

कपिल पाटील ने साफ शब्दों में कहा कि सांसद का काम योजनाओं को समझकर उन्हें अमल में लाना होता है, न कि आरटीआई के माध्यम से सूचनाएं लेकर मीडिया व अखबारों में बयान देना। उन्होंने कहा, "सांसद का काम सूचना का अधिकार नहीं, विकास करना होता है।" उनका यह बयान सीधे मौजूदा सांसद के उस आरोप पर था, जिसमें उन्होंने पाटील के कार्यकाल को निष्क्रिय बताया था।

पाटील ने टोरंट पॉवर के मुद्दे को लेकर भी  वर्तमान सांसद का नाम ना लेते हुए आलोचना की। उन्होंने कहा कि 2013 में राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रमुख शरद पवार ने स्पष्ट किया था कि टोरंट का करार 2027 तक है। ऐसे में 2024 के चुनावी रण में टोरंट हटाने का वादा करना या जनता को यह कहकर बहकाना कि वह जितने के बाद करार खत्म करा देंगे। यह केवल सस्ती राजनीति और भ्रम फैलाने का काम है। उन्होंने अपने पत्रकार परिषद में शहर के पुराने वीडियो प्रस्तुत करते हुए वर्तमान सांसद के पुराने वादों और बयानों की पोल खोलने का प्रयास किया। "लाव रे तो व्हिडीओ!" कहते हुए उन्होंने वह फुटेज दिखाया जिसमें सांसद ने मुरबाड रेलवे की जानकारी गलत दी थी और टोरंट हटाने का वादा किया था और शहर के लोग उनके चुनावी वादो को दिखाया गया। कपिल पाटील ने यह भी गिनाया कि अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने भिवंडी क्षेत्र के लिए ठोस काम किए। जिनमें शाहपुर विधानसभा क्षेत्र में 16 ,भिवंडी शहर में 12,भिवंडी ग्रामीण में 15, कल्याण पश्चिम 12 और मुरबाड क्षेत्र में 11 कामों को  गिनाया। जिसमें मुख्य रूप से कल्याण - मुरबाड रेलवे, ठाणे-भिवंडी मेट्रो, बायपास मार्ग,शहर के 52 सीमेंट कंक्रीट सड़क, 200 बेड की माता बाल अस्पताल, वाराला तालाब का सुशोभित करण, भिवंडी कोर्ट की नई इमारत, दुर्गाडी और मांडा गांव उड़ान पुल, कल्याण टिटवाला रिंग रोड़, म्यूजियम आदि का समावेश है। उन्होंने कहा कि जनता अब भावनात्मक नारों से नहीं, ठोस कामों से प्रभावित होती है। सिर्फ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर देने से जनता को समाधान नहीं मिलता। वर्तमान सांसद की प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी जनता को कुछ नया सुनने नहीं मिला – वही आरोप, वही बातों की दोहराव, और ज़मीनी हकीकत से कोसों दूर बातें। पूर्व मंत्री ने कहा कि "लोग कह रहे थे कि सांसद की प्रेस कॉन्फ्रेंस का इतना शोर था, लगा कुछ बड़ा होगा… पर निकला क्या ? खोदा पहाड़, निकली चुहिया!"

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