रामगढ़ विधानसभा में चुनावी सरगर्मी तेजी बढ़ रही है

संवाददाता श्याम सुंदर पांडेय की रिपोर्ट 

दुर्गावती(कैमूर)-- चौक चौराहा से लेकर गांव की गलियों तक चर्चाओं का दौरा जारी, सबके सुख-दुख में जाने और मिलने वाले नेताओं की पहचान करने में लगे मतदाता। कैमूर जिले में रामगढ़ विधानसभा हर बार चर्चाओं के दौर में सबसे आगे रहता है। यहां के सक्रिय राजनीतिक कार्यकर्ता से लेकर संभावित उम्मीदवार तक लगातार गावो का दौरा करते रहते हैं। रामगढ़ विधानसभा में राजनेताओं की निगाहें सदा टिकी रहती हैं जिसके कारण संभावित उम्मीदवार इस समय नहरों का दौरा कर रहे हैं। क्रेडिट लेने की होड़ ने रामगढ़ में चुनावी सर गर्मी और बढ़ा दिया है। यह विधानसभा मुख्य रूप से राजपूतो का गढ़ माना जाता है जहां अक्सर चुनाव राजपूत उम्मीदवार ही जीते हैं। इस बार भी पिछले चुनाव की तरह लड़ाई त्रिकोणात्मक होने की संभावना है यदि जन स्वराज पार्टी आनंद सिंह को अपना उम्मीदवार बना देती है तो लड़ाई चतुष्कोणीय हो जाएगी। बहुजन समाज पार्टी हर बार अपना उम्मीदवार बदलती है लेकिन इस बार अगर उम्मीदवार बदली तो लड़ाई से बाहर रहेगी। राजद और भारतीय जनता पार्टी का उम्मीदवार लगभग तय माना जा रहा है लेकिन पुराने परंपरा को देखकर एक बार लोगों के मन में बहुजन समाज पार्टी के प्रति शंका उत्पन्न हो रही है अब देखना यह है कि बहुजन समाज पिछले उम्मीदवार सतीश यादव उर्फ पिंटू यादव को अपना उम्मीदवार बनाती है या नहीं। जन स्वराज पार्टी के टिकट के दौर में कई नेता अपना लाइन लगाए हुए हैं जिनको यहां की भौगोलिक स्थिति भी नहीं मालूम है यदि भौगोलिक स्थिति को देखकर जन स्वराज अपने उम्मीदवार का चयन सही रूप से करती है तो लड़ाई दिलचस्प होगी। जन स्वराज पार्टी में रामगढ़ के लिए आनंद सिंह के सिवाय कोई दूसरा विकल्प नहीं होगा जिनका 20 वर्षों का अनुभव राजनीतिक और रामगढ़ के प्रत्येक गांव की जानकारी एक अहम मुद्दा रखता है आनंद सिंह साथ में रह कर विधानसभा और संसद के चुनावी लड़ाई को लड़े हैं और राजनीत के हर पैतार को बखूबी जानते हैं।

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