कैमूर में उत्पादन हो रहा ड्रैगन फ्रूट देखने पहुंचे राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह

रामगढ़ कैमूर ।। कैमूर का लाल बड़ा बेमिसाल कहावत चरितार्थ होते दिख रहा है। कैमूर जिला के रामगढ़ प्रखंड में जनदहा गांव जहां के एक किसान ने वह कर दिखाया है जो दूसरों के लिए नाकों चने चबाने वाला हाल होते दिख रहा था। आप में से बहुत लोगों को यह नहीं पता होगा कि ड्रैगन फ्रूट आखिर होता क्या है लेकिन कैमूर के एक किसान ने ना ड्रैगन फ्रूट की खेती कर उससे फल निकाले बल्कि फल निकालने के बाद भी लोगों को इसके स्वाद एवं फायदे के बारे में जगह-जगह चर्चाएं करके लोगों को ड्रैगन फ्रूट के औषधीय फायदे के बारे में अपने तरफ झुकाव भी पैदा इस किसान के द्वारा किया गया। 

किसान का नाम अजय सिंह जंदाहा के हरिहर सिंह के सुपुत्र है कैमूर क्या बिहार में भी ड्रैगन फ्रूट का खेती का दूर-दूर तक नामो निशान नहीं था । लेकिन इनके जज्बे और हौसलों ने कैमूर की धरती पर ड्रैगन फ्रूट का उत्पादन करके  न सबको सिर्फ अचंभीत किए बल्कि दूसरे लोगों को भी ड्रैगन फ्रूट की खेती के प्रति आस जगाकर बड़े मैप पैमाने पर ड्रैगन फ्रूट का पौधा भी लगवा रहे हैं।  अगल-बगल के गांव में उनके द्वारा दिया हुआ ड्रैगन फ्रूट का पौधा भी अच्छे खासे रूप में फल फूल रहा है ड्रैगन फ्रूट के फल के बारे में अगर चर्चा की जाए तो यह ऊंट के मुंह में जीरा वाली बात होगी अर्थात ड्रैगन फ्रूट खाने के जितने फायदे हैं उतना कोई गिन नहीं सकता 2 सालों से लगभग ड्रैगन फ्रूट की खेती में उतरे अजय सिंह का कहना था कि लोगों की मानसिकता यह थी कि कैमूर की धरती पर ड्रैगन फ्रूट उगाना  बहुत मुश्किल है लेकिन मैंने वह कर दिखाया।  और उत्पादन भी हर जगह की तुलना में मेरे यहां सबसे अधिक हुई है चर्चा 2 सालों में धीरे-धीरे इतना बढ़ते चला गया कि बिहार प्रदेश के अध्यक्ष जगदानंद सिंह भी इससे अछूते नहीं रहे वह ड्रैगन फ्रूट की खेती को देखने के लिए रामगढ़ के जंदाहा गांव में पहुंचे एवं खेती के बारे में किसान अजय सिंह से जानकारी लिए । वह इसके गुणों के बारे में भी चर्चा किए उन्होंने कहा कि बिहार में ऐसे ही नौजवानों के सोच का परिणाम के स्वरूप बिहार में नई खेती की जरूरत है

उन्होंने ड्रैगन फ्रूट की खेती को बहुत ही लाभदायक बताया । उन्होंने  किसान अजय कुमार सिंह के कार्यों को सराहा एवं आगे ऐसी ही नई नई खेती एवं पशुपालन संबंधित जानकारियां एवं सुझाव दूसरों को देने के लिए एवं दूसरे को उत्साहित कर इस नई पीढ़ी को आगे बढ़ाने में मदद करने के लिए धन्यवाद भी दिया । किसान अजय सिंह ने संवाददाता से बात करते हुए यह भी बताया कि ड्रैगन फ्रूट में के खेती में उन्होंने कोई खाद और बाजारू कीटनाशक दवाइयों का उपयोग नहीं किया है उन्होंने कहा कि जैविक खाद का उपयोग करके उन्होंने ड्रैगन फ्रूट  खेती किया साथ ही उन्होंने बताया कि वह नई नई किस्म के सेव का भी उत्पादन कर रहे हैं अगर यहां की धरती पर सेव भी अच्छी तरह से फल फूल जाता है तो इसको भी विस्तार में लगाया जाएगा उन्होंने अपने घर के पास लगाएं चार से पांच सेब के पेड़ो का भी निरीक्षण करवाया उन्होंने दिखाया कि इसमें फूल लग गए हैं और अब फल लगने की तैयारी में है कैमूर में एवं बिहार में ड्रैगन फ्रूट की खेती करके उभरे किसान अजय सिंह एक नई पहचान के रूप में विख्यात हुए हैं उन्होंने ना सिर्फ ड्रैगन फ्रूट की खेती की बल्कि लोगों को भी इससे जोड़ने का अपील करते हैं और बहुत सारे किसानों को भी इन्होंने ड्रैगन फ्रूट का पौधा देकर खेती के प्रति जागरूक किया है

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