
अपनी बारी और अपने समय को पहचाने
- कुमार चन्द्र भुषण तिवारी, ब्यूरो चीफ कैमूर
- Jul 04, 2025
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संवाददाता श्याम सुंदर पांडेय की रिपोर्ट
दुर्गावती (कैमूर)-- आ रहा है विधानसभा चुनाव बिहार का अब आप अपनी बारी को पहचाने जिन पार्टियों ने पीड़ा दिया है देश की जनता को अलगाव बाद को जात पात और तुष्टीकरण को हवा दी है उनको जवाब देने के लिए बिहार विधानसभा के चुनाव में अब आप सब जनता को कमर कस के खड़ा होना चाहिए। ईडब्ल्यूएस की धज्जियां उड़ाने वाले दूसरे राज्यों से लाकर नौकरी देने वाले जंगल राज के पोशाक और आतंक वादियों को संरक्षण देने वाले आपके सामने चिकनी चुपड़ी बातें कर लंबे वादे कर भरमाने के लिए आएंगे उनकी बातों में फसना मत। शिक्षा विहीन बिहार उद्योग विहीन बिहार मजदूरों का प्रदेश बिहार अब किसका इंतजार कर रहा है। साधारण घर से पैदा हुए राज नेता आजकल महल और अटारी बनाकर फॉर्च्यूनर में चल रहे हैं क्या आंखों से नहीं दिखता यदि नहीं दिखता तो सचमुच बिहार की जनता इसी के लायक है। आज जनता चाहती है कि घर की पत्नियां भी घर से निकल कर बाहर काम करें जहां देखो निजी उद्योग से लेकर सरकारी दफ्तर तक पत्नियां भरी पड़ी है जिनके साथ कभी कभी कुकृत्य का समाचार छपता रहता है ये नेता जात देखकर समर्थन करते हैं फिर भी जनता की आंखें नहीं खुलती तो क्या कहा जाए। बिहार में गिरते पुल पुलिया उखड़ते रोड दफ्तरों में मचा भ्रष्टाचार क्या संदेश दे रहा है फिर भी भैंस के आगे बीन बजावे भैंस रही पगुराय वाली हाल जनता की हो गई है कुछ भी हो जाए जात-पात पर ही हम वोट देंगे। भ्रष्टाचारी बलात्कारी अपराधी राजनीति में प्रवेश कर चुके हैं और सफेद कपड़े पहन कर आपके सामने लंबी-लंबी डिंग हांकते दिख रहे हैं फिर भी नींद नहीं खुल रही है तो क्या कहा जाए। सनातन धर्म विरोधी देवी देवताओं को गाली बकने वाले मां बहन की आबरू लूटे जाने पर चुप रहने वाले भी अपने चेहरे पर नकाब लगाकर आपके सामने होंगे याद रखना भूल का परिणाम भी आपको ही भोगना है। जातिवादी कानून बनाने वाले राजाओं महाराजाओं की जमीन छीनकर बोर्ड को देने वाले कानून बनाकर भारत की एकता अखंडता को छिन्न भिन्न करने वाले भी आपके सामने वोट मांगने के लिए आएंगे इन बहरूपिया को कौन पहचानेगा कौन उत्तर देगा, इन सबको। इसलिए आने वाले भारत के इतिहास को देखते हुए लोकतांत्रिक तरीके से किए जा रहे हर चुनाव, चाहे लोकसभा हो या राज्य का चुनाव हो अपनी बारी को पहचानने की जरूरत है ताकि ऐसे बहुरूपियों को सबक मिल सके। अपना बहुमूल्य वोट नेता जीताने के लिए नहीं राष्ट्र के निर्माण के लिए दीजिए यही आपका धर्म है।
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