भिवंडी में अवैध बांधकामों का बोलबाला: 291 में से 42 इमारतें तोड़ी गईं, पर उग आईं 150 नई अवैध इमारतें

भिवंडी। भिवंडी महानगर पालिका क्षेत्र में अवैध बांधकामों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। मुंबई उच्च न्यायालय की सख्त फटकार के बाद वर्ष 2022 से अब तक प्रशासन ने 291 अवैध इमारतों की सूची तैयार कर राज्य सरकार को भेजी थी। इनमें से 42 इमारतों को तोड़ा भी गया, लेकिन इसके बावजूद शहर में अवैध बांधकामों की रफ्तार और तेज हो गई है। सूत्रों के अनुसार, फिलहाल पांचों प्रभाग समितियों के अंतर्गत लगभग 150 नई अवैध इमारतें निर्माणाधीन हैं।

महानगर पालिका प्रशासन ने इन अवैध इमारतों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का दिखावा करते हुए जनसंपर्क विभाग के माध्यम से व्यापक प्रचार किया था कि हर सप्ताह कम से कम एक बहुमंजिला अवैध इमारत को निष्कासित किया जाएगा। किंतु इस दावे की पोल वंचित बहुजन आघाडी ने हाल ही में फोड़ दी। आघाडी के पदाधिकारियों ने पालिका मुख्यालय के सामने एक दिवसीय आंदोलन कर आरोप लगाया कि धामणकर नाका क्षेत्र में जैन समाज की जमीन पर अतिक्रमण कर बनाए गए मोहम्मद अली ढाबा को पूर्व सहायक आयुक्त जगदीश जाधव ने अवैध घोषित किया था, लेकिन आज तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।सूत्रों का कहना है कि वर्तमान में निर्माणाधीन 150 अवैध इमारतों में से कई स्थानीय नेताओं के संरक्षण में बनाई जा रही हैं। प्रभाग समिति क्रमांक दो के गैबीनगर क्षेत्र में लगभग पाँच इमारतें, प्रभाग समिति क्रमांक एक के म्हाडा कॉलोनी क्षेत्र में आधा दर्जन, प्रभाग समिति क्रमांक तीन के पद्मानगर और शास्त्रीनगर में एक दर्जन से अधिक, जबकि प्रभाग समिति क्रमांक चार के नालापार, रोशनबाग और दरगाह दीवान शाह परिसर में एक दर्जन से अधिक अवैध बांधकाम जोरों पर हैं।इन मामलों पर संबंधित प्रभाग अधिकारियों से पूछे जाने पर वे जिम्मेदारी से बचते नजर आते हैं। सूत्रों के अनुसार, नगर निगम के कुछ अधिकारी और कर्मचारियों के लिए अवैध बांधकाम अब “आमदनी का मुख्य स्रोत” बन चुका है। यही कारण है कि बार-बार कार्रवाई की घोषणाओं के बावजूद शहर में अवैध इमारतों का जाल लगातार फैलता जा रहा है।अब सवाल यह है कि क्या भिवंडी मनपा वास्तव में इन अवैध बांधकामों पर अंकुश लगाएगी, या फिर यह मुद्दा भी पुराने मामलों की तरह फाइलों में ही दबकर रह जाएगा?

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