बी. के. बिड़ला महाविद्यालय में हिन्दी भाषा पर केंद्रित एक दिवसीय कार्यशाला संपन्न

कल्याण : बी. के. बिड़ला महाविद्यालय, कल्याण एवं कोंकण रेलवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड के संयुक्त तत्वावधान में हिन्दी भाषा के संरक्षण, प्रचार-प्रसार और रोजगार की संभावनाओं पर केंद्रित एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में हिन्दी के विलुप्त होते शब्दों के संरक्षण की आवश्यकता और हिन्दी भाषा के माध्यम से करियर निर्माण के विषय पर सारगर्भित संवाद हुआ।कार्यक्रम की शुरुआत महाविद्यालय के उप प्राचार्य डॉ. महादेव यादव द्वारा अतिथियों के स्वागत के साथ हुई। अपने उद्घाटन संबोधन में उन्होंने हिन्दी भाषा को भावनाओं की भाषा बताते हुए इसकी प्रासंगिकता पर जोर दिया।

मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित कोंकण रेलवे के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक संतोष कुमार झा ने हिन्दी के लुप्त होते शब्दों को लेकर चिंता जताई। उन्होंने विद्यार्थियों को सलाह दी कि वे रोजमर्रा की भाषा में अधिक से अधिक हिन्दी शब्दों का प्रयोग करें और अपनी मातृभाषा पर गर्व करें। उन्होंने कहा, "हिन्दी केवल संवाद का माध्यम नहीं, बल्कि हमारी पहचान है। इसके माध्यम से भी युवा ऊंचाइयों को छू सकते हैं।" उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अनुवाद, पत्रकारिता, प्रशासन और जनसंपर्क जैसे अनेक क्षेत्रों में हिन्दी की मजबूत उपस्थिति है, जो रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराती है। शिक्षा निदेशक डॉ. नरेश चन्द्र ने अपने प्रेरणास्पद विचार रखते हुए विद्यार्थियों को परीक्षा की तैयारी के साथ-साथ भाषा से प्रेम करने की सीख दी। उन्होंने कोंकण रेलवे द्वारा किए जा रहे नवोन्मेषी और साहसिक कार्यों की भी सराहना की।

कोंकण रेलवे के सहायक उप महाप्रबंधक (राजभाषा) सदानंद चितले ने रेलवे में हिन्दी भाषा से जुड़ी नौकरियों की जानकारी देते हुए बताया कि रेलवे समेत तमाम सरकारी संस्थानों में राजभाषा विभागों की अहम भूमिका होती है और भाषा विशेषज्ञों की मांग लगातार बढ़ रही है। इस अवसर पर कोंकण रेलवे के अनुवाद अधिकारी सतीश धुरीप्रिया पोकलेश्रेया काकड़ेसीताराम दुबे तथा महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. बालकवि सुरंजे, डॉ. सीताराम म्हस्के, डॉ. मेघा देवले, डॉ. मनीषा पाटील, डॉ. दौलत कांबले एवं कृति पाण्डेय की गरिमामयी उपस्थिति रही।

कार्यक्रम का कुशल संचालन एवं समापन डॉ. श्यामसुंदर पाण्डेय द्वारा किया गया। उन्होंने सभी आगंतुकों, वक्ताओं और विद्यार्थियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि "ऐसे आयोजनों से न केवल भाषा की समझ गहराती है, बल्कि विद्यार्थी नई संभावनाओं के लिए भी प्रेरित होते हैं।" इस सफल आयोजन के पीछे महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अविनाश पाटील एवं उप प्राचार्य डॉ. हरीश दुबे का विशेष मार्गदर्शन और सहयोग रहा। हिन्दी भाषा के प्रति उत्साह, समर्पण और व्यावसायिक दृष्टिकोण को प्रोत्साहित करने वाली यह कार्यशाला विद्यार्थियों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हुई और हिन्दी के प्रति नई चेतना का संचार करे ।

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