
देश के इतिहास को सदा कलंकित करता रहेगा देश में बने तीन काले कानून- कुमार चन्द्र भुषण
- आशुतोष कुमार सिंह, ब्यूरो चीफ बिहार
- Jul 19, 2025
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राष्ट्र के तथाकथित नेतृत्व कर्ताओं द्वारा सत्ता पर काबिज होने के लिए योग्यता की बलात्कार करने में संकोच नहीं
संवाददाता श्याम सुंदर पाण्डेय की रिपोर्ट
दुर्गावती(कैमूर)-- अगर ऐतिहासिक संरचनाओ की हम बात करें तो राष्ट्र का इतिहास राष्ट्र में बने तीन काले कानून राष्ट्र के नेतृत्व कर्ताओं और राष्ट्र के संविधान को कभी माफ नहीं करेगा, जिसे आने वाली पीढ़ियां युगों युगों तक याद रखेंगी, उक्त बातें राष्ट्रीय सवर्ण समाज संघ के प्रदेश अध्यक्ष बिहार सह स्वतंत्र कलमकार कुमार चन्द्र भुषण तिवारी ने भेंटवार्ता के दौरान कहीं। पहला काला कानून बिना जांच किए किसी को एक खास वर्ग के द्वारा कहने के आधार पर उसे जेल में बंद कर देना यह कहां का न्याय है। दूसरा काला कानून कितना भी पढ़ो लिखो नंबर ज्यादा लाओ फिर भी जाति देख तुझे नौकरी नहीं देंगे, 90% वाले घर बैठेंगे 40% और 30% मार्क्स वाले ऊंच पदों पर विराजमान होंगे। तीसरा काला कानून किसी की जमीन जब चाहो तब अपने बोर्ड में शामिल कर लो किसी को कुछ बोलने का अधिकार नहीं होगा, न कोर्ट जाने का अधिकार रहेगा। ऐसे काले कानूनों को बनाने वालो को भारत का इतिहास काले युगों के नाम से याद रखेगा। देखा जाए तो राजनीतिक पार्टियों के लोग जहां कहीं भी रैली या सभा करते हैं वहां 1 इंच भी जमीन सरकार की नहीं है, वह भी सवर्णों के द्वारा दी हुई जमीन में ही रैली और सभा करते हैं, फिर भी सवर्ण वर्ग को लोग सामंतवादी कहते हैं। वही वर्ग जिस कमजोर वर्गों को अपनी जमीन देकर अपने समीप बसाया सुख दुख में साथ निभाया, उस पर इस तरह की टिप्पणी करना देश को विखंडित करने के चाल है जो चिंता का विषय है। यदि सरकार एक डिसमिल जमीन भी लाल कार्ड के रूप में भी देती है तो उसी की दी हुई जमीन से, फिर भी इस देश के उज्जवल भविष्य के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर करने वालों का नाम सामंतवादी रखा गया, जिसने आजादी के लिए अपनी जान जवानी अपना धन सब कुछ दे दिया उनको सामंतवादी कहा जाता है राजनेताओं के द्वारा। इतना ही नहीं आज उन्हें अपने ही देश में अपने अधिकारों से भी वंचित कर दिया गया, साथ ही इन के द्वारा बदले में जनता को भड़काया जाता है कि तुमको बहुत सताया गया। वर्तमान समय में कहीं भी किसी कार्यालय में चले जाओ तो संबंधित कर्मचारियों व अधिकारियों के द्वारा जितना बार-बार सताया जाता है उस काल में नहीं था। जीते हुए नेताओं को देखो जिनके पैरों में जूता पहनने की औकात नहीं था आज चम चमाती गाड़ियां और चमचमाते बंगले में रह रहे है, केवल जनता के बीच नफरत की बीज बोकर सेवा के बल पर नहीं। अंत में उन्होंने कहा कि इस विषम परिस्थिति में हमें सावधानी पूर्वक रहने की जरूरत है, साथ ही इस विषम स्थिति से एक हो निपटने की जरूरत है, कोई भी राजनीतिक पार्टी हो वो आपका नही है। क्योंकि राजनीति शब्द का अर्थ ही आज के परिपेक्ष्य में आपके उपर राज करने की नीति का नाम है , तोड़ कर, फोड़ कर,या कुछ भी करके कुर्सी प्राप्त करो राजनीति करना है, इसके लिए योग्यता का बलात्कार ही क्यों न करना पड़े। उक्त अवसर पर राष्ट्रीय सवर्ण समाज संघ प्रदेश कार्यकारिणी अध्यक्ष जैनेंद्र तिवारी, कैमूर जिला अध्यक्ष अरविंद पाठक सामाजिक कार्यकर्ता अजय कुमार कुशवाहा, इत्यादि उपस्थित रहें।
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