अस्पताल प्रशासन की लापरवाही दूषित जल पीने को मजबूर सदर अस्पताल में भर्ती मरीज व उनके परिजन

अस्पताल प्रशासन की छोटी सी भूल दें रही बड़ी बीमारियों को दावत 

जिला संवाददाता संदीप कुमार की रिपोर्ट 

कैमूर-- एक तरफ जहां बिहार सरकार बिहार को हर क्षेत्र में बढ़ावा दे रहा है, तो दूसरी ओर विभागीय अधिकारियों के लापरवाही से सारा कार्य खराब हो जा रहा है,ताजा मामला कैमूर जिला के भभुआंं सदर अस्पताल का है, जहां सदर अस्पताल में लगी लगभग एक दर्जन पानी के टंकियों में कबूतर,कौवा का डस्ट और पंख गिरा पड़ा है। यही नहीं किसी में भी ढक्कन नहीं लगा है, जिसके कारण खुला रहने से भारी मात्रा में गंदगी भरा हुआ है, और सभी में कचरा जमा पड़ा है तो किसी में मकड़ी का जाला बना हुआ है, बता दें कि यही पानी इमरजेंसी वार्ड के 4 तल्ला बिल्डिंग में सप्लाई किया जाता है, मरीज इसी पानी से प्यास बुझाते है, यही पानी से कैंटीन में भी खाना बनाया जाता है और इतना ही नहीं यही पानी मरीजों को दिया जाता है,ऐसे में सदर अस्पताल खुद बीमार पड़ा है, पानी कि टंकी में कचरे की अंबार लगा है जिसे देख आप पानी पीना तो दूर उस पानी से हांथ भी नहीं धोना चाहेंगे।


बता दें कि भभुआं सदर अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड के बिल्डिंग में 12 पानी का टंकी लगा हुआ है, जिसमें से किसी में भी ढक्कन नहीं लगाया गया है, जिस कारण उसमें बारहों महीना धूल मट्टी जाता रहता है, यहां तक कि उसमें कबूतर कौवा का पंख और डस्ट गिरा हुआ है, इसके साथ ही पानी टंकी में भारी मात्रा में काई जमा हुआ है तो किसी में मकड़ी का जाल लगा हुआ है आपको यह जानकार हैरानी होगी कि इसी का पानी सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के बिल्डिंग में सप्लाई किया जाता है, जिससे लोग पानी पीते हैं और नहाते हैं कपड़ा धोते और बर्तन साफ करते हैं, साथ ही जीविका द्वारा संचालित दीदी के रसोई में भी इन्हीं टंकी से पानी आता है जो कि एक बड़ी बीमारी को दस्तक दें रहा है।


बता दें कि भभुआ सदर अस्पताल का निरीक्षण करने के लिए लगातार पटना से तो कहीं दूर दूर से टीम आती है यही नहीं जिला के कई वरीय अधिकारी भी सदर अस्पताल का निरीक्षण करने के लिए आते हैं जिन्हें गोल गोल घुमा दिया जाता है, लेकिन समस्याओं को नहीं दिखाया जाता है,यही वह वजह है कि आज सदर अस्पताल में लगे पानी की टंकी में कचरा भरा पड़ा है, लेकिन उसपर अस्पताल प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है और उसी पानी को अस्पताल में सप्लाई किया जा रहा है,अगर ऐसा ही रहा तो मरीजों में कभी भी बड़े बीमारी को दस्तक दे सकता है, बता दें कि बिहार सरकार बिहार में स्वास्थ्य शिक्षा सहित सभी विभागों में हर तरह की सुविधाएं दे रहा है लेकिन विभागीय अधिकारियों के लापरवाही के कारण सुविधाएं फेल हो जा रही है, यह एक तरफ से मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है।



वहीं बेटे के आंख का इलाज कराने पहुंचे तिवई गांव निवासी करीमन राम ने बताया कि आज 5 रोज से हम लोग सदर अस्पताल पहुंचे हुए हैं जहां अपने बेटे का इलाज करा रहे हैं लेकिन सदर अस्पताल में लगा आरओ और पानी के टंकी से काफी दुर्गंध के साथ पानी आ रहा है यही नहीं पानी में काई और कचड़ा भी आ रहा है, जिसे देख पानी पीने का हिम्मत नहीं कर रहा है फिर भी मजबूरी में हम लोग पानी पी रहे हैं, अगर ज्यादा दिन यह पानी पीना पड़े तो अच्छा खासा आदमी भी बीमार पड़ जाएगा,


वहीं दामोदरपुर निवासी जितेंद्र पासवान ने बताया कि मैं अपनी पत्नी की डिलीवरी के लिए 3 दिन से सदर अस्पताल आया हूं, जहां सदर अस्पताल में लगे टंकी से पानी पिया तो देखा कि इसमें से काई पानी के साथ आ रहा है, और कंकड़ कचड़ा के साथ काफी दुर्गंध पानी से आ रहा है जिसे देख मै काफी दर गया और घर से ही पानी लाकर पी रहा हूं, क्योंकि इस पानी को पीने से अच्छा खासा आदमी भी मरीज बन जाएगा इसलिए मैं अस्पताल प्रशासन से मांग करता हूं कि टोटी और वाटर टैंक को साफ सफाई कराया जाए,


वहीं इस मामले पर जब भभुआ सदर अस्पताल के प्रबंधक से बात किया गया तो उन्होंने बताया कि हर तीन महीने पर सभी सेन्टेंकस की सफाई की जाती है उसमें डस्ट भर जाने का कारण है कि आंधी हवा के चलते सभी सेन्टेंकस का ढक्कन उड़ गया है यह टूट गया है इसी कारण वह खुला हुआ जिसमें धूल मट्टी और काई जम गया है, उसकी सफाई दो दिन में करा दिया जाएगा,क्योंकि इसी टंकी से पूरे इमरजेंसी वार्ड के बिल्डिंग में पानी की सप्लाई किया जाता है,


लेकिन अब सवाल यह उठता है कि अगर सेन्टेंकस की साफ सफाई हर तीन महीने पर होता है तो उसमें इतना डस्ट कहां से हो जाता है यह तो अब जांच का विषय है, क्योंकि जिस हालत में सेन्टेंकस गंदा पड़ा है उसमें पानी को देखने पर ही मन में भय हो जा रहा है लेकिन अस्पताल प्रशासन के लापरवाही के कारण उसी पानी को सप्लाई किया जा रहा है जो आने वाले समय में कभी भी बड़ी बीमारी को दस्तक दे सकता है,अब देखना यह होगा कि वरीय अधिकारी इसपर क्या एक्शन लेते हैं और अब इस सेन्टेंकस का सफाई होता है, ताकि मरीजों को साफ पानी मिल सके।

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