समाज की बढ़ती कुरीतियों के कारण घर बसाने से पहले उजाड़ जा रहे हैं

जब आप अपने बेटे या बेटी के लिए रिश्ता तय करें, तो सिर्फ चेहरा न देखें, कैसे माहौल के परवरिश हुई है ये भी देखें। 

कई बार चालाक मां बाप अपनी संतान की असलियत जानते हुए भी सिर्फ जिम्मेदारी से पीछा छुड़ाने और बोझ उतारने के लिए उसकी शादी कर देते हैं — और इस तरह अपनी ज़िम्मेदारी किसी और के परिवार पर थोप देते हैं।

राजा रघुवंशी के मां बाप ने शायद यही गलती की, सोनम के मां बाप पर भरोसा करके, जिसका खामियाजा राजा ने अपनी जान देकर भुगता। सोनम की कहानी अब सिर्फ एक नाम नहीं, एक चेतावनी है — उन लोगों के लिए जो जाने अनजाने किसी और का ज़हर अपनी जिंदगी और परिवार में ले आते हैं।

उसकी पत्नी सोनम ज़िंदा मिली और उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ीपुर से गिरफ्तार की गई — उन लोगों के साथ, जिन्होंने राजा की हत्या की थी। हैरानी की बात यह रही कि मेघालय हनीमून ट्रिप राजा का नहीं, सोनम का आइडिया था। 

फिर राजा को जान-बूझकर एक सुनसान जगह पर ले जाया गया, जहां सोनम के तीन साथी पहले से छिपे हुए थे, जिन्हें वह मध्य प्रदेश से पहले ही अपने साथ बुला चुकी थी। वहां मिलकर उन्होंने राजा पर हमला किया और बेरहमी से मार डाला।

पुलिस को गुमराह करने के लिए घटनास्थल को ऐसा सजाया गया जैसे सोनम को भी अगवा या मार डाला गया हो।

ये ज़माना अब वो नहीं रहा जहां 'अच्छे घर का रिश्ता है' कह देने भर से रिश्ता मुकम्मल हो जाए।

आज रिश्तों की नींव में अगर तथ्यों और असलियत को छिपाना, झूठ, छल और स्वार्थ छुपा हो, तो वो शादी नहीं, फाँसी का फंदा बन जाती है।

राजा रघुवंशी जैसे बेटे, जो अपने मां-बाप के कहने पर रिश्ता निभाने निकलते हैं। कभी किसी साज़िश में बेमौत मारे जाते हैं, तो कभी किसी और की चाहत की सज़ा, उम्रभर तन्हाई और तिल-तिल मरने के रूप में भुगतते हैं।

रिश्ता पक्का करने से पहले दिल से नहीं, होश से सोचिए।

लड़के लड़की की सोच, उसका व्यवहार, उसके अतीत, रिश्ते के लिए उसकी सहमति और नीयत — सब कुछ जांचिए।

 एक नहीं, सौ बार मिलिए। ज़रूरत पड़े तो बैकग्राउंड वेरिफिकेशन कराइए।

 "लोग क्या कहेंगे" से ज़्यादा जरूरी है, आपकी औलाद, मौत के घाट उतारना चाहते हैं या फिर जिंदा लाश बनाना चाहते हैं, निर्णय आपका है।

क्योंकि अगर आप आंख मूंद कर रिश्ता करेंगे,

तो या तो बेटा श्मशान पहुंच जाएगा, या फिर ज़िंदगी भर एक धोखे के साथ जीने को मजबूर रहेगा।

प्यार, शादी, रिश्ता — सब कुछ तभी सुंदर है जब उसमें सच्चाई हो। वरना ये सबसे ख़तरनाक छलावा है।

अब वक़्त आ गया है — सिर्फ अच्छे रिश्तेदार नहीं, अच्छे इंसान ढूंढने का। वरना घर बसने से पहले ही उजड़ जाएगा।

रिपोर्टर

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