महाराजा सुहेलदेव विश्वविद्यालय के सेमिनार हॉल में बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ जागरूकता अभियान का पुरस्कार वितरण एवं समापन समारोह किया गया

आजमगढ । महाराजा सुहेलदेव विश्वविद्यालय के सेमिनार हॉल में बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ जागरूकता अभियान का पुरस्कार वितरण एवं समापन समारोह दीप प्रज्वलन, सुहेलदेव विश्वविद्यालय के सेमिनार हॉल में बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ जागरूकता अभियान का पुरस्कार वितरण एवं समापन समारोह दीप प्रज्वलन, सरस्वती वंदना और विश्वविद्यालय के कुलगीत के साथ शुरुआत हुई। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर संजीव कुमार ने की। कुलपति जी ने अपने उद्बोधन में  अप कहा कि आजमगढ़ के कई कॉलेजों में छात्राओं की संख्या छात्रों से ज्यादा है। देश की उन्नति के लिए बेटों से ज्यादा बेटियों का शिक्षित होना जरूरी। किसी भी व्यक्ति के जीवन में उसके मां के दिए हुए संस्कार बहुत महत्वपूर्ण होते कार्यक्रम में मौजूद लोगों से कुलपति महोदय ने बेटा बेटी एक समान की विचारधारा को बढ़ावा देने का आग्रह किया। समाज को गतिशील बनाने के लिए महिलाओं और पुरुषों एक साथ मिलकर काम करना जरूरी है

वर्तमान में बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ जागरूकता अभियान का प्रभाव सशक्त बेटियां से समृद्ध भारत बनकर  विकसित भारत की कल्पना भविष्य में सार्थक होगी।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि संगीता तिवारी उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की पूर्व सदस्य ने की । उन्होंने उद्बोधन में बताया कि बेटियां दो कुल को शिक्षित करती हैं उन्होंने कार्यक्रम में आए लोगों से निवेदन किया कि आप लोग अपनी बेटियों को निरंतर शिक्षित करते रहिए और उन्हें उच्च शिक्षा की ओर अग्रेषित करें, आगे उन्होंने कहा कि छोटी बच्चियों को गुड टच और बेड टच की शिक्षा दी जाए और उन्हें अन्याय से लड़ने के लिए प्रेरित करें  और अपने लिए खुद आवाज उठा सकें, और सशक्त बन सके उन्होंने कहा बेटियों के घर में होने से घर की रौनक दोगुनी हो जाती है।देश के प्रधानमंत्री आदरणीय नरेंद्र मोदी जी ने जब 2014 में देश की कमान संभाली तब ही उन्होंने "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" का नारा ही नहीं दिया बल्कि उसे चरितार्थ करते हुए प्रभावी कदम भी उठाया जिसका परिणाम अब दिख रहा  का अवसर  प्रदान किया। कुलपति जी की  वैचारिक सोच विश्वविद्यालय के अकादमिक गतिविधियों सीमित न होकर आजमगढ़ जनपद के ग्रामीण क्षेत्र में बेटियों की समावेशी विकास2014 के प्रति हमेशा  सकारात्मक सोच रही हैं। इस अभिप्रेरणा के लिए कुलपति जी का हृदय से आभार व्यक्त करते हैं। 

कार्यक्रम में आए हुए अतिथियों का स्वागत कार्यकम की संयोजिका डॉ सपना त्रिपाठी ने किया उन्होंने अपने उद्बोधन में कार्यक्रम के बारे में बताते हुए कहा

कार्यक्रम में आजमगढ़  जहानागंज विकासखंड के 12 गांवों से चार विद्यालयों की प्रतिभाशाली  60 छात्राओं को 5 श्रेणी की प्रतियोगिता भाषण,कविता/गायन,रंगोली,मेहंदी और पेंटिंग में  प्रथम,द्वितीय और तृतीय पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। इन्हीं विद्यालयों से आई शिक्षिकाओं और शिक्षको को भी  पुरस्कार एवं प्रशस्ति पत्र  देकर सम्मानित किया गया। 

इस सफल विश्वविद्यालय के कुल सचिव महोदय ने कार्यक्रम में मौजूद मुख्य अतिथि संगीता तिवारी ,कुलपति महोदय एवं कार्यक्रम में मौजूद सभी लोगों का धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि आज के समय में बेटियां लड़कों से कम नहीं है पहले की तुलना में आज बेटियों का अनुपात शिक्षा के क्षेत्र में तथा अन्य सभी क्षेत्रों में बढ़ता हुआ नजर आ रहा है और हमारा सरकारी तंत्र बेटियों को सभी प्रकार की सुविधाएं दे रहा है ताकि बेटियां आगे बढ़ सके

कार्यक्रम का  इस जागरूकता अभियान की टीम में विश्वविद्यालय के 6 विभागों के शिक्षक डॉ. परमानंद पांडेय,डॉ. हरेंद्र प्रजापति, डॉ. रेनू तिवारी डॉ. शिवेंद्र कुमार  सिंह, डॉ. सपना त्रिपाठी, डॉ. राजेश्वरी पांडेय, डॉ. संतोष चौरसिया, डॉ.  योगेश कुमार त्रिपाठी,डॉ कुलदीप यादव, सौरभसिंह, नितेशसिंह और भंवर लाल सेनचा सदस्य रहे। कार्यक्रम का संचालन विश्वविद्यालय की बेटियां रुचि सिंह और अंजली मिश्रा ने किया। इस पूरे कार्यक्रम की रूपरेखा से लेकर सफलतापूर्वक संपन्न करवाने में डॉ रेनू तिवारी ,डॉ राजेश्वरी पांडेय और डॉ परमानंद पांडेय का विशेष योगदान रहा। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के शिक्षक,शिक्षिकाएं, कर्मचारी और छात्र छात्राएं भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में ग्रामपंचायतों से  ग्रामप्रधान भी सम्मिलित हुए।

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