
खून देने से रोगप्रतिरोधक क्षमता नही होती है कम : डॉ संतोष सिंह
- आशुतोष कुमार सिंह, ब्यूरो चीफ बिहार
- Jun 14, 2024
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आईएमए बिहार शाखा प्रदेश वासियों से अपील करता है कि आगे भविष्य मे भी अधिक से अधिक संख्या मे रक्तदान मे भाग लेकर जरूरतमंद रोगियो की जीवन रक्षा मे सहयोगी बनें । डाॅ संतोष कुमार सिंह प्रदेश सचिव आईएमए बिहार
कैमूर बिहार । रक्त के अभाव मे किसी भी मरीज की जान न जाए इसके लिए आज विश्व रक्त दाता दिवस के अवसर पर आईएमए कैमूर की तरफ से रेफरल अस्पताल रामगढ़ में रक्तदान शिविर आयोजित किया गया। उद्घाटन प्रभारी सिविल सर्जन डॉ राजनारायण प्रसाद ने किया । मौके पर आईएमए कैमूर के अध्यक्ष डॉ दिनेश्वर सिंह , डॉ अशोक कुमार सिंह रेफरल अस्पताल रामगढ चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ सुरेंद्र सिंह मौजूद थे । रक्त की ये यूनिटें कैंसर, थैलेसिमिया , लावारिस मरीज, एनमिक गर्भवती समेत अन्य जरूरतमंद मरीजों के उपचार मे सहायक होगी । इस रक्तदान शिविर मे शामिल रक्तदाताओं को आईएमए की तरफ से प्रशस्तिपत्र भी दिया जाएगा।
स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा देने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ ने वर्ष 1997 से 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस के रूप मे मनाने की घोषणा की । इस मुहिम के पीछे मकसद विश्व भर मे लोगों को रक्तदान की अहमियत को समझाना था । लेकिन दुनियां के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत मे इस मुहिम को ज्यादा प्रोत्साहन नहीं मिल पाया। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण लोगों मे फैली भ्रांतियां हैं जैसे रक्तदान से शरीर कमजोर हो जाता है और उस रक्त की भरपाई होने मे काफी समय लग जाता है ।इतना ही नही लोगो मे यह गलतफहमी भी व्याप्त है कि खून देने से रोगप्रतिरोधक क्षमता कम हो जाने के कारण बीमारियां जल्द पकड़ लेती हैं । इन्ही भ्रांतियो को दूर करने के लिए विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है ।
वह व्यक्ति जिनकी आयु 18 से 60 वर्ष के बीच है , वजन 45 किलो से अधिक हो , जिसे एचआईवी, हेपटाइटिस बी , सी , रक्ताल्पता, मधुमेह इत्यादि की बीमारी न हो वह रक्तदान कर सकता है ।एक बार मे 350 cc रक्त दिया जाता है । उसकी क्षतिपूर्ति चौबीस घंटे के अंदर हो जाती है और गुणवत्ता की पूर्ति महीने भर मे हो जाती है । दूसरे जो नियमित रक्तदान करते हैं उन्हे ह्रदय संबंधित बीमारियां कम परेशान करती हैं । तीसरी अहम बात यह है कि हमारे रक्त की संरचना ऐसी है कि उसमे समाहित रेड ब्लड सेल तीन माह मे स्वयं ही समाप्त हो जाते है लिहाजा प्रत्येक स्वस्थ व्यक्ति तीन माह मे एक बार रक्तदान कर सकता है । रक्तदान करने वालों मे डाॅ संतोष कुमार सिंह, अजय नाग, अविनाश कुमार सिंह, सुनील कुमार सिंह, स्कंद सिंह, सूर्यवंश सिंह, प्रिया सिंह, सागरिका सिंह, आसकी कुमारी , राजीव पाण्डेय, विकास पाण्डेय, नितेश पाण्डेय, विपुल सिंह, राहुल कुमार इत्यादि 51 रक्तवीरो ने किया ।
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