प्रधान और ग्राम सचिव का खेल, सरकारी आदेश फेल

लौंदा, जौनपुर।

जौनपुर जिले के सुइथाकला विकास खण्ड के लौंदा गाँव के निवासी विनोद सिंह के साथ तकदीर ने भी गजब का खेल किया है। बिरला कम्पनी में कार्यरत स्वस्थ व सुंदर विनोद सिंह को 2007 में संगरूर में रोडवेज़ बस और ट्रक की टक्कर में रीढ़ में चोट आई और 2 साल बीतते बीतते उनके दोनों पैरों ने जवाब दे दिया। परिवार में 3 बच्चे व पत्नी के जीवन यापन की समस्या के कारण शहर से गाँव आना पड़ा किन्तु यहाँ भी  दुर्भाग्य ने साथ नहीं छोड़ा तथा भाई व पिता ने ऐसे कठिन हालात में साथ रहना छोड़ दिया और दिव्यांग को न रहने को आवास न खेती करने को जमीन मिली। 


दिव्यांग द्वारा जिलाधिकारी को आवेदन देने पर 12 जनवरी 2015 को जिलाधिकारी श्री सुहास एलवाई द्वारा आवास, शौचालय और नल तीनों देने का आदेश हुआ था, जिसकी जांच ग्राम सचिव रमाशंकर सिंह द्वारा की गई और खुली बैठक में चयन कर आवास देने का वादा भी किया गया किन्तु पीड़ित का आरोप है कि बाद में ग्राम सभा के ग्राम प्रधान भागवत प्रसाद सिंह ने बिना उचित कारण से ग्राम सचिव पर दबाव बनाकर अपात्र घोषित करवाकर आवास से वंचित कर दिया। तब से पीड़ित लगातार ठंढी ,गर्मी, बरसात के मौसम में डरा सहमा अपने बच्चों के साथ झोपड़ी में जीवन यापन करता रहा और पत्राचार व अन्य माध्यमों से लगातार आवास की मांग करता रहा। जिसके लिए  जिलाधिकारी जौनपुर, समाज कल्याण विभाग जौनपुर ,दिव्यांग कमिश्नरी जौनपुर, यहां तक कि गवर्नर उत्तर प्रदेश से भी ई-मेल के जरिए आवास की भीख मांगता रहा।किन्तु सबकी जाँच आख्या ग्राम सचिव द्वारा गलत ही लगाया जाता रहा औऱ पात्र दिव्यांग व्यक्ति अंत तक प्रशासन की दुर्दशा का भुक्तभोगी बना रहा और कोई भी सरकारी सहायता प्राप्त नहीं कर सका। 


 बहुत समय तक सरकार से सहयोग की बाट जोहती आँखे थक गई और दिव्यांग निराश हो गया। दिव्यांग के घर से थोड़ा दूर एक दयालु व्यक्ति का भी घर था जिससे दिव्यांग व उसके परिवार की दुर्दशा देखी नहीं गई।दिल्ली पुलिस में एस आई श्री आनंद प्रकाश मिश्रा उर्फ दरोगा पुत्र श्री सुरेंद्र मिश्र ने दरियादिली दिखाते हुए दिव्यांग के रहने हेतु कक्ष बनवाने का स्वयं निर्णय लिया और दिव्यांग से मदद की पेशकश की ।बताते चलें कि आनन्द प्रकाश जी श्री राम कृपाल मिश्र जी के पौत्र हैं जो समाज में एक अच्छा रुतबा रखते हैं। यद्यपि दिव्यांग विनोद सिंह स्वाभिमानी स्वभाव के व्यक्ति हैं किंतु मिश्रा जी की हार्दिक इच्छा और अपने बच्चों की समस्या को ध्यान में रखते हुए उन्होंने यह सहयोग स्वीकार कर लिया और उनको हृदय से धन्यवाद दिया। पूरे क्षेत्र में आनन्द प्रकाश दरोगा जी के इस उत्कृष्ट कार्य की उच्च स्तर पर प्रशंसा हो रही है  और ग्राम प्रधान भागवत प्रसाद सिंह और सरकार की बड़ी भर्त्सना भी क्षेत्र में हो रही है । लोग प्रशासनिक तंत्र व सरकार की इस गम्भीर उदासीनता पर बुराई भी कर रहे हैं।

रिपोर्टर

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