केबिन न. 602 से क्यों घबरा रहे हैं महाराष्ट्र सरकार के अफसर और मंत्री

मुंबई।। महाराष्ट्र मंत्रालय के एक बिल्डिंग का केबिन नम्बर 602 के बारे में जितने नेता-ऑफिसर जानते हैं, वह इस केबिन को लेने से हाथ जोड़ देते हैं। वे इसे किसी भी कीमत पर अपने नाम से आवंटित नहीं होने देना चाहते हैं। अभी राज्य मंत्रिमंडल का सोमवार को विस्तार कर दिया गया है। इसके बाद से नए मंत्री इस केबिन को लेने से कतरा रहे हैं। मंत्रालय प्रशासन ने अभी तक इसे किसी के नाम नहीं किया है, लेकिन जितने भी वरिष्ठ मंत्री हैं वे इसे अपने नाम नहीं करना चाहते हैं।

सुत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार केबिन नम्बर 602, लेने वाला आफिसर या मंत्री हमेशा विवादों मे घिरा रहता है।केबिन महाराष्ट्र के नेताओं के लिए दुर्भाग्यशाली साबित हुआ है। इस केबिन में बैठने वाले राज्य के तीन मंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके हैं। कोई हार गया तो किसी की मौत हो गई। कहा जा रहा है कि सोमवार को अजित पवार ने भी इस केबिन को लेने से मना कर दिया है।

साल 2014 में भाजपा की सरकार बनने के बाद ये केबिन वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे को दिया गया था। दो साल बाद ही खडसे एक घोटाले में फंस गए और उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद इस केबिन में कृषि मंत्री पांडुरंग फुंडकर बैठने लगे। सिर्फ दो साल में ही मई 2018 में हार्ट अटैक के बाद उनकी मौत हो गई। करीब एक साल तक ये केबिन खाली रहा। 2019 में भाजपा के नेता अनिल बोंडे इसमें बैठने लगे.।लेकिन, इस साल हुए विधानसभा चुनाव में उनकी हार हो गई। इसके बाद से कोई भी नेता ये केबिन लेने को तैयार नहीं है।

रिपोर्टर

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