पत्रकार पर फर्जी मुकदमा प्रयागराज के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जांच अधिकारी बनाए गए

सुरियावां,भदोही ।। भूमि संबंधी एक फर्जी मामले में  सुरियावां थाना के तत्कालीन थाना प्रभारी संजय राय द्वारा सुरियावां थाना क्षेत्र के पत्रकार दिनेश यादव के ऊपर  फजीँ मुकदमा दर्ज किये जाने के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली के अधिकारियों ने मामले को गंभीरता से लिया और जांच अधिकारी नियुक्त करते हुए इलाहाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को उक्त मामले की न्यायिक जांच कराने संबंधी आदेश जारी किए। उक्त प्रकरण में मानवाधिकार आयोग ने  विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया। लेकिन उक्त प्रकणरण मे कोई  कार्य वाही नही हुआ। तब पत्रकार ने आक्रोश व्यक्त करते हुए मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली का दरवाजा खटखटाया और अपने मामले में पुलिस द्वारा ज्यादती किये जाने संबंधी  मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया जिसके आधार पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने एक टीम गठित करके  भदोही के पुलिस अधीक्षक को तत्काल आदेश किया कि जनपद के सुरियावां थानाध्यक्ष को जांच कर  कार्य वाही करने के निर्देश जारी किए थे ।इसी क्रम में फिर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने वरिष्ठ पुलिसअधीक्षकइलाहाबाद(प्रयागराज)निर्देश दिये है की आठ सप्ताह के भीतर उचित कार्यवाही करे और इस मामले  की कार्यवाही के बारे मे  शिकायतकर्ता को सूचित करते हुए तत्कालीन थानाध्यक्ष संजय राय पर  फर्जी मामले को लेकर दंडित करने की कार्यवाही सुनिश्चित करें । ज्ञातव्य की पुलिस प्रसाशन सारी कानून ताख पर रखकर फर्जी मामले कायम कर पत्रकारों के विरुद्ध मनमानी कार्यवाही करते हैं जिससे न्यायिक प्रक्रिया प्रणाली का उपहास ही माना जाएगा और कानूनन फर्जी मामले में फंसाए जाने की दूषित विचारधारा कापुलिस किस तरह माखौल उड़ाती है पीड़ित पत्रकार दिनेश यादव के ऊपर बात सौ प्रतिशत फिट बैठती है कि किस तरह कानून के उच्च पद पर बैठे लोग कानून का दुरुपयोग कर कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं मामला दृष्टब्य है । बताया जाता हैं कि जब पुलिस पत्रकार के साथ दुरव्यवहार करती हैं तो पुलिस जनता के साथ कैसा व्यवहार करतीं होगी । ये तो अनुमान लगाया जा सकता है । यही हाल है पुलिसकर्मियों का हर वक्त वर्दी का धौस जमाते हैं।

कब सुधरेगी पुलिस प्रसाशन.?

पत्रकार और पुलिस का रिश्ता तो दामन और चोली का होता है तो आखिरकार पुलिस पत्रकार के ही ऊपर क्यो उगली उठातीं हैं। वाह रे पुलिसकर्मी थोडा शर्म करो। कि पत्रकार तो चौथा स्तंभ होता हैं लोकतंत्र की जड़ें पत्रकार लेखनी पर ही निर्भर करती है जिससे कोई राजनीति का लेना देना नहीं है वह तो अपनी जान को जोखम मे डालकर खबर को प्रकाशित करता है। चाहे धूप हो या सर्दी गर्मी हो वह निःशुक खबर को कवरेज कर के देता हैं। तभी खबर प्रकाशित होता है । पत्रकार दिनेश कुमार यादव उर्फ दादा जो समाज सेवी हैं पत्रकारिता के साथ साथ गरीबों के मसीहा यानी मददगार है। सुत्रों के अनुसार मिली जानकारी कि दिनेश कुमार यादव उर्फ दादा जी किसानों, नौजवान, छात्रों कि हितैषी कार्य के लिए रात दिन लेगें रहते हैं सरकार से अपेक्षा की है कि उनके  मामले में न्याय संगत कार्रवाई की जाएगी और फर्जी मामले में फंसाने के आरोपी तत्कालीन थानाध्यक्ष संजय राय के ऊपर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी तभी न्याय  हो सकेगा।

रिपोर्टर

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