4065 हेक्टेयर क्षेत्रफल में सिंचाई क्षमता होगी पुनर्स्थापित


रोहतास ।बिहार के बक्सर और रोहतास जिलों को ‘धान का कटोरा’ कहा जाता है, परंतु हाल के वर्षों में यहाँ की पारंपरिक सिंचाई व्यवस्था में आई कमी ने किसानों के सामने खरीफ सीजन में नई चुनौतियाँ खड़ी कर दी थीं। इन चुनौतियों से निपटने के लिए विभाग द्वारा सोन नहर प्रणाली अंतर्गत चौसा शाखा नहर एवं इसके नि:सृत 

 कोचस-इंदौर वितरणी का पुनर्स्थापन कार्य का कार्यान्वयन कराया जा रहा है।


इस महत्वाकांक्षी योजना अंतर्गत पुनर्स्थापना हेतु नहर की कुल लंबाई 62.67 किलोमीटर है और इसकी अनुमानित लागत ₹79.53 करोड़ (उन्नासी करोड़ तिरपन लाख अड़तीस हजार रुपये) है। योजना का 96 प्रतिशत कार्य पूर्ण किया जा चुका है और वर्तमान खरीफ सिंचाई हेतु नहर उक्त नहर प्रणालियों में अंतिम छोर तक पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। 


योजना के क्रियान्वयन से रोहतास जिले के नोखा, करगहर, कोचस एवं दिनारा प्रखंडों के कुल 4065 हेक्टेयर क्षेत्रफल में सिंचाई क्षमता पुनर्स्थापित होगा। यह पहल न केवल सिंचाई सुविधा को बहाल करेगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था, फसल उत्पादकता और किसानों की आमदनी में भी वृद्धि लाने में सहायक होगी।

रिपोर्टर

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