
सरस्वती विधा मंदिर में प्रवेशोत्सव, पुरस्कार वितरण समारोह का हुआ आयोजन
- राजेंद्र यादव, ब्यूरो चीफ, मध्यप्रदेश
- Jun 15, 2025
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तलेन । रविवार को सरस्वती शिशु विद्या मंदिर तलेन में प्रवेशोत्सव एवं पुरस्कार वितरण समारोह कार्यक्रम आयोजित हुआ। जिसमें कार्यक्रम की अध्यक्षता जगदीश प्रसाद यादव ने की कार्यक्रम में मुख्यवक्ता हुकमचंद जी भुवंता अखिल भारतीय सह संयोजक शिशु वाटिका, विशेष अतिथि हरिसिंह जी केशवाल पूर्व प्राचार्य, मुरलीधर जी लववंशी पूर्व आचार्य, गोरीलाल जी यादव व्यवस्थापक, चेनसिंह जी बन्नाशिया पूर्व प्राचार्य उपस्थित रहे। अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। विद्यालय के छात्र दिव्यांश सोनी ने कक्षा 12वीं में 93% के साथ नगर प्रथम स्थान प्राप्त करने पर विद्यालय द्वारा स्कूटी प्रदान की गई। छात्र निशा कुशवाहा कक्षा दसवीं में 94 % 40 अंक प्राप्त करने पर लैपटॉप के लिए विद्यालय द्वारा 21000 हजार का चेक प्रदान किया गया। साथी अन्य कक्षाओं में अच्छे अंक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को उपस्थित अतिथियों, समिति सदस्यों , पूर्व छात्रों, वह कार्यक्रम में उपस्थित अन्य विद्यालय शिक्षकों द्वारा पुरस्कृत कर शील्ड व प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। वहीं कार्यक्रम में उपस्थित छात्र-छात्राओं के अभिभावको प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को पुरस्कार प्रदान करते सम्मानित किया गया। वही कार्यक्रम में शत् प्रतिशत कक्षाओं में रिजल्ट देने पर विद्यालय के आचार्य दीदियों को भी पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता हुकमचंद भुवंता ने अपने उद्बोधन में कहा की दो प्रकार के विषय ध्यान में आते हैं जब कोई बालक श्रेष्ठ कार्य करता है तो समाज पूछता है किनका बालक है यहां मेरिट में आया है किस गांव का है किसका बालक है वहीं पर यदि कोई ग़लत काम करने से भी लोग पुछते है किनका लडका है। इसलिए हम आने वाले इन संतानों को श्रेष्ठ संतति के रूप में विकसित करें । यह भैया ,बहिन चरित्रवान व श्रेष्ठ भारत के नागरिक बने। वहीं कार्यक्रम में उपस्थित हरिसिंह केशवाल ने अपने उद्बोधन में कहां यह देश वहीं है यह धरती मां वहीं है हमारे पूर्वजों के आदर्श वही है अंतर सिर्फ यही हुआ कि डूब गई पुरब की लाली पश्चिम के अंधियारों में इसका अर्थ लगाइए हम पूरब में रहने वाले, सूर्य को मानने वाले सूर्य के उपासक वाले लोग हैं, वो पश्चिम में रहने वाले रात्रिचर पाशयत लोग हैं। उनकी संस्कृति को हम अपनाने में लगे हैं। इसके कारण हमारा पतन हुआ।इसको रोकने का अभियान है शिशु मंदिर योजना। कार्यक्रम का संचालन मुकेश चंदेल ने किया वह आभार विद्यालय के व्यवस्थापक गोरीलाल यादव ने व्यक्त किया।
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