राजगढ़ जिला अस्पताल में सफाईकर्मियों के वेतन में गबन का बड़ा खुलासा: प्रथम नेशनल सिक्योरिटी कंपनी के प्रोपराइटर समेत पांच गिरफ्तार

राजगढ़  । राजगढ़ जिला अस्पताल में सफाईकर्मियों के वेतन भुगतान में अनियमितताओं और फर्जी भर्ती के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। प्रथम नेशनल सिक्योरिटी कंपनी द्वारा टेंडर की शर्तों का उल्लंघन करते हुए बायोमैट्रिक अटेंडेंस में कुटरचना कर फर्जी खातों में भुगतान दिखाकर शासन से धन प्राप्त कर गबन किया गया। प्रारंभिक जांच में वर्ष 2016 से चल रहे संगठित षड्यंत्र की पुष्टि हुई है।

वित्तीय वर्ष 2022-24: ₹1,13,60,085 (हाउसकीपिंग) + ₹12,81,000 (सामग्री) = ₹1,26,41,085

वास्तविक भुगतान: ₹22,07,908

गबन: ₹1,04,33,177

वित्तीय वर्ष 2024-25

 ₹56,30,882 (वेतन) + ₹5,33,750 (सामग्री) = ₹61,64,632

वास्तविक भुगतान  ₹7,73,040

गबन   ₹53,91,592

कुल गबन।  ₹1,58,24,769


गिरफ्तार आरोपी

1. कुलदीप मिश्रा  – प्रोपराइटर, प्रथम नेशनल सिक्योरिटी कंपनी

2. कृष्ण कुमार – मैनेजर

3.राजेश खरे – स्थानीय प्रतिनिधि (पेटी कॉन्ट्रैक्टर)

4. संजीव शर्मा – पदस्थ कर्मचारी, आरएमओ कार्यालय

5. रामदयाल गुर्जर – बायोमैट्रिक अटेंडेंस में कुटरचना करने वाला


विधिक कार्रवाई

* थाना कोतवाली, राजगढ़ में अपराध क्रमांक 318/25 पंजीबद्ध

* भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराएँ: 318(3), 318(4), 339, 338, 336(3), 340(2), 316(5), 314 अंतर्गत प्रकरण दर्ज

* सभी आरोपियों को माननीय न्यायालय में प्रस्तुत कर पुलिस रिमांड प्राप्त

प्रारंभिक जांच में सामने आए तथ्य:

* फर्जी उपस्थिति:

  वित्तीय वर्ष 2024-25 में 49 कर्मचारियों द्वारा 1,43,080 कार्य घंटे दर्शाए गए, जबकि बायोमैट्रिक रिकॉर्ड में केवल 5,445 घंटे  की वास्तविक उपस्थिति पाई गई।


* फर्जी खाते एवं भुगतान:

 49 खातों  में से केवल 16 खातों  में लेन-देन पाया गया, जबकि 19 खातों में कोई राशि नहीं भेजी गई एवं 16 खाते फर्जी पाए गए।


* फर्जी मटेरियल खर्च:

 कम्पनी द्वारा वर्ष 2022-25 18,14,705 रुपए भुगतान प्राप्त किया परंतु इसके समर्थन में कोई दस्तावेज नहीं पाया गया।


* हाउसकीपिंग सूची में कुटरचना:

 *सिविल सर्जन कार्यालय से प्राप्त बायोमैट्रिक उपस्थिति रजिस्टर के अनुसार केवल 8 सफाईकर्मियों की वास्तविक उपस्थिति पाई गई।


टेंडर शर्तों का उल्लंघन:

 टेंडर शर्तों के विरुद्ध राजेश खरे को पेटी कॉन्ट्रैक्ट के रूप में नियुक्त कर मासिक ठेका चलाया गया।

प्रशासनिक व विभागीय कार्रवाई:

* अधिकारी/कर्मचारियों की भूमिका की जांच प्रारंभ

* शासन द्वारा सख्त कार्रवाई के निर्देश

नेतृत्व:

इस संपूर्ण कार्रवाई का नेतृत्व पुलिस अधीक्षक राजगढ़ श्री आदित्य मिश्रा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री आलोक कुमार शर्मा, एवं एसडीओपी श्री अरविंद सिंहके निर्देशन में किया गया।

निष्कर्ष:

यह मामला वर्षों से चल रही संगठित गबन और भ्रष्टाचार की गंभीर बानगी है। पुलिस एवं प्रशासन द्वारा संयुक्त रूप से विस्तृत जांच जारी है, जिसमें और भी खुलासे होने की संभावना है।

रिपोर्टर

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