
साधन सहकारी समिति अमानीगंज को क्रय केंद्र न बनाये जाने से किसान चिंतित
- देवराज मिश्र, ब्यूरो चीफ अयोध्या
- Sep 25, 2022
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किसानों ने रसद मंत्री व सांसद सतीश शर्मा से क्रय केंद्र बनाए जाने की उठाई मांग ...
सांसद व रसद मंत्री ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर केंद्र बनाए जाने का दिया निर्देश ...
अमानीगंज, अयोध्या ।। एक अक्टूबर से धान खरीद के लिए क्रय केंद्रों का संचालन शुरू हो जायेगा। इसके लिए विभाग द्वारा तैयारियां शुरू कर दी गई है जिले में 125 कर केंद्र बनाए गए हैं लेकिन एक बार फिर साधन सहकारी समिति अमानीगंज को केंद्र न बनाए जाने पर क्षेत्र के किसान काफी चिंतित नजर आ रहे हैं। किसानों ने खाद्य एवं रसद मंत्री एवं सांसद से मिलकर मांग की है कि अमानीगंज को फिर से क्रय केंद्र बनाया जाय। किसानों की समस्याओं को देखते हुए खाद एवं रसद मंत्री सतीश शर्मा व सांसद लल्लू सिंह जिला अधिकारी को पत्र लिखकर पीसीएफ द्वारा संचालित अमानीगंज साधन सहकारी समिति को फिर से क्रय केंद्र बनाए जाने बनाए जाने का निर्देश दिया है।
ज्ञात हो कि वर्ष 2020 में किसानों की मांग के बाद साधन सहकारी समिति अमानीगंज को क्रय केंद्र बनाया गया था 2 वर्षों तक क्रय केंद्र का संचालन होने के बाद इस बार विपणन विभाग द्वारा क्रय केंद्रों की जारी सूची से अमानीगंज का नाम गायब है जिससे क्षेत्र के किसान काफी चिंतित नजर आ रहे हैं। प्रधान प्रतिनिधि विनायकपुर रणजीत सिंह बबलू व ड़ूड़ी के पूर्व प्रधान व प्रधान संघ अध्यक्ष जितेंद्र सिंह, नंदौली के प्रधान प्रतिनिधि सर्वेश सिंह, घटौली के विनोद दुबे, रमापति पाण्डेय, अवनीश सिंह, अरविंद पांडे, रामनगर के किसान गिरजा प्रसाद शुक्ला आदि दर्जनों किसानों ने सांसद व खाद्य रसद राज्य मंत्री से मिलकर अमानीगंज को पूरा पुनः क्रय केंद्र बनाए जाने की मांग उठाई है। किसानों का कहना है कि मिल्कीपुर रुदौली मुख्य मार्ग पर स्थित साधन सहकारी समिति अमानीगंज में किसानों को अपनी उपज बेचने में सुगमता होती लेकिन विपणन विभाग द्वारा गांव गलियों में केंद्र निर्धारित किए गए हैं जहां किसानों के लिए वाहनों से अपनी उपज पहुंचाना दुष्कर कार्य है।
अमानीगंज क्षेत्र से होकर गुजरने वाली शारदा सहायक जुड़वा नहर के कारण इस बेल्ट में धान की फसल भी अन्य सूखाग्रस्त क्षेत्रों की अपेक्षाकृत अधिक क्षेत्रफल में रोपी गई है। बावजूद इसके अमानीगंज को केंद्र न बनाए जाने से किसानों को समस्याओं से दो-चार होना पड़ेगा। सरकार किसानों की उपज का उचित मूल्य दिलाए जाने का दावा तो कर रही है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। केंद्र न बनने से उपज को क्रय केंद्र तक पहुंचाने के लिए किसानों को 20 किलो मीटर तक की लंबी दूरी भी तय करनी पड़ेगी। जिससे किसानों को अपनी उपज को औने-पौने दामों पर बेचने को मजबूर होना पड़ेगा।
सहायक खाद्य विपणन अधिकारी अजीत प्रताप सिंह ने बताया कि ए आर कोऑपरेटिव के स्तर से प्रस्ताव न आने के कारण केंद्र नहीं बन सका है । अभी शासन से क्रय नीति नहीं आई है आने के बाद केंद्र निर्धारण के संबंध में सही निर्णय हो सकेगा।
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