
पानी की समस्या पर भाजपा मनसे का मनपा पर संयुक्त मोर्चा
- एबी न्यूज, संवाददाता
- Apr 19, 2022
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कल्याण ।। कल्याण डोंबिवली मनपा क्षेत्र व 27 गांवों में पानी की समस्या को लेकर सोमवार को भाजपा विधायक रविन्द्र चव्हाण तथा मनसे विधायक राजू पाटिल के नेतृत्व में क्षेत्र के नागरिकों के साथ विशाल मोर्चा निकाल कर कल्याण डोंबिवली मनपा का घेराव किया गया तथा अधिकारियों के साथ मिलकर विधायक द्वय नें उनकी जमकर क्लास लगाई तथा यथाशीघ्र समस्या समाधान न होने पर सख्त कदम उठाने की चेतावनी दी। वहीं इस संयुक्त मोर्चे के कारण यह कयास भी लगाए जा रहे हैं कि आगामी चुनाव को देखते हुए भाजपा व मनसे का गठबंधन हो सकता है।
संवाददाताओं को अपनी प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा विधायक रविन्द्र चव्हाण नें कहा कि "कल्याण डोंबिवली मनपा के अधिकारियों द्वारा ही बड़ी राजनीति की जा रही है, नागरिकों की समस्याओं को लगातार नजरअंदाज करने का काम मनपा अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है तथा नागरिकों की समस्याओं को देखते हुए हम सभी पार्टियों नें एक साथ मोर्चा निकालने का निर्णय लिया।" वहीं कल्याण ग्रामीण के विधायक राजू पाटिल नें कहा कि "पानी की समस्या पर एकसाथ आने का कुछ अलग मतलब निकालने की जरूरत नही है, पानी की समस्या पर मुझे मोर्चा निकालने की अनुमति मिल गई थी तथा मैंने रविन्द्र चव्हाण को फोन किया तो उन्होंने भी बताया कि वह भी मोर्चा निकालने वाले थे तो नागरिकों की समस्या को लेकर अगर हम सभी साथ में आते हैं तो यह एक अच्छी पहल है इसका कोई अन्य मतलब नही लगाया जाना चाहिए। चुनावी राजनीति में हमारी क्या भूमिका रहेगी यह उस समय सोचा जाएगा।" वहीं साथ आने व पिछले दिनों मनसे प्रमुख राज ठाकरे के मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने तथा आगामी दिनों में अयोध्या रामलला के दर्शन के लिए जाने की बात तथा संयुक्त मोर्चा आदि विषयों को लेकर लोग यह कयास लगा रहे हैं कि भाजपा व मनसे की युति संभव है।
मोर्चे के बाद समस्या के समाधान के लिए मनपा की तरफ से अतिरिक्त आयुक्त सुनील पवार, जल अभियंता राजीव पाठक तथा प्रमोद केशव मोरे नें दोनों विधायकों की समस्या को सुना तथा जल्द समाधान का भरोसा दिया है। हालांकि नागरिकों की समस्या का बार बार शिकायत के बाद भी समाधान न निकाले जाने पर दोनों विधायकों नें इन अधिकारियों को खरी खरी सुनाया।
कल्याण डोंबिवली मनपा के अधिकारी समस्याओं को सुनते हैं लेकिन जहां समाधान निकालने की जरूरत होती है वहां पर केवल आश्वासन देकर अपने कर्तव्यों की पूर्ति करते दिखाई देते हैं। जब वरिष्ठ अधिकारी ही मौन रहेंगे तो वार्ड स्तर के अधिकारी व कर्मचारी तो स्वाभाविक रूप से सुस्त होंगे। विधायक द्वय जनसेवक हैं अतः उनकी बात सुनना लाजिमी है अन्यथा आम आदमी अगर इतनी बात सुना दे तो वह सरकारी काम में बाधा के मामले में फंसा दिखाई देगा।
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