सामुदायिक शौचालय निर्माण में गड़बड़झाला, अब तक ८०% प्रतिशत शौचालय अधूरे, फिर कैसे हो गया करोड़ों का भुगतान

अमानीगंज, अयोध्या ।। अयोध्या जनपद में बनाए गए सामुदायिक शौचालय में करोड़ों रुपए का गड़बड़झाला प्रकाश में आया है । सबसे बड़ी विडंबना तो यह है कि अब तक ८०% से अधिक शौचालय कंप्लीट ही नहीं हैं जबकि वहां तीन महीने का मानदेय और रखरखाव का खर्चा नियुक्त किए गए कर्मचारियों को दे दिया गया है । मीडिया में खबरें आने के बाद प्रशासन ने आनन-फानन में शौचालयों को फिर से ठीक करवाने का काम शुरू किया है । लेकिन जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा बंदरबांट करने वाले प्रशासनिक कर्मचारियों के ऊपर इस मामले में क्या कार्रवाई होती है यह देखने वाली बात होगी ।

बताते चलें कि पंचायत चुनाव की घोषणा के बाद से पंचायत चुनाव संपन्न होने के बीच बड़े पैमाने पर सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कार्य जारी रहा । जिसके बाद बैक डेट में प्रस्ताव पास करा कर गांव में बनाए गए स्वयं सहायता समूह के माध्यम से शौचालयों के रखरखाव और साफ सफाई के लिए ₹६००० मासिक पर कर्मचारियों की नियुक्ति कर दी गई इन महिला कर्मचारियों को ₹३००० शौचालय में सामग्री खरीद के लिए भी दिया जा रहा है । सभी महिला कर्मचारियों को तीन महीने का मानदेय एवं रखरखाव के लिए ₹९००० कुल मिलाकर ₹२७००० का भुगतान स्वयं सहायता समूह को कर दिया गया है । इस मामले में हमारे प्रतिनिधि द्वारा गांव में सत्यापन  किया गया तो विभिन्न गांव में शौचालय बंद पड़े मिले या तो उनमें मेंटेनेंस अपूर्ण था । वह काम होते हुए देखा गया अमानीगंज विकासखंड के ग्राम पंचायत बकचुना, झबरा, तालढोली, कंधईकला, रायपट्टी विनायकपुर, रामनगर अमावा सूफी, जगदीशपुर, ओरवा, इछोंई व जगदीशपुर गद्दोपुर की दुर्दशा देखने लायक थी । ग्रामीणों का कहना है कि अब तक किसी भी शौचालय में गांव का कोई व्यक्ति शौच करने के लिए नहीं गया है । ग्राम पंचायत गद्दोपुर में  महापुरुष स्थल के पास बने शौचालय पर निर्माण कार्य होता दिखाई पड़ा यहां पहुंचने पर गांव की महिलाओं ने बताया कि अब तक इस शौचालय में कोई नहीं गया है । उन्हें इस बात की भी जानकारी नहीं है कि यहां तीन महीने से महिला कर्मचारी की नियुक्ति है और उसके रखरखाव के लिए भी सरकार सामग्री के मद में उसे भुगतान कर रही है । ग्राम पंचायत जगदीशपुर में शौचालय में ताला बंद मिला और वहां पर शौचालय पर डाली गई छत टपकती हुई मिली । शौचालय के लिए बनाए गए गड्ढे बरसात में धराशाई हो गए हैं और वे धंस गए हैं । ग्राम पंचायत के प्रधान मोहम्मद अंसार ने बताया कि पूर्व प्रधान सुखराम गौतम की पत्नी श्यामा देवी को शौचालय के रखरखाव के लिए नियुक्त किया गया है ।

लेकिन ग्रामीणों ने बताया कि वह कभी शौचालय तक नहीं आती हैं और यह शौचालय पूर्ण रूप से अपूर्ण है तो उनके आने का कोई औचित्य भी नहीं है इस संबंध में जब अमानीगंज के एडीओ पंचायत शिव कुमार चौबे व ग्राम पंचायत विकास अधिकारी हरेंद्र सिंह से पूछा गया तो उनका कहना था कि तत्कालीन ग्राम पंचायत विकास अधिकारी राजेंद्र यादव को नोटिस जारी कर दी गई है और शौचालय निर्माण का ₹२९००० रोक दिया गया है । जिससे शौचालय का बाकी काम करवाया जाएगा ।

लाख टके का प्रश्न है कि जब शौचालय का निर्माण भी अधूरा है तो आखिर तीन महीने का मानदेय और रखरखाव का पैसा ग्राम पंचायतों में नियुक्त महिला कर्मचारियों के लिए क्यों जारी कर दिया गया है ।

बताते चलें कि जिलाधिकारी अयोध्या अनुज कुमार झा ने जिले के समस्त ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों एवं खंड विकास अधिकारियों की बैठक में शौचालयों के अधूरे निर्माण की समीक्षा की थी जिसके बाद विकासखंड मुख्यालयों पर हड़कंप मचा हुआ है । और ग्राम पंचायत विकास अधिकारी किसी तरह से एन केन प्रकारेण शौचालयों के अधूरे काम को पूरा करवा रहे हैं । सबसे खास बात यह है कि जो ग्राम पंचायत विकास अधिकारी स्थानांतरित हो गए हैं उनके गांव में बने शौचालयों को पूरा कराने में प्रशासन को नाको चने चबाने पड़ रहे हैं और तमाम जगहों पर नोटिस जारी की जा रही है । देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में जिम्मेदार कर्मचारियों के ऊपर क्या कार्यवाही करता है 

पूर्व में यह भी बताया गया था कि इन शौचालयों के निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया अपनाई गई थी और ठेकेदार इस कार्य को करवाने के लिए नियुक्त किए गए गए थे । लेकिन अब ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों को नोटिस जारी कर के निर्माण कार्य को पूरा करवाने का कार्य किया जा रहा है । इससे ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों एवं पूर्व प्रधानों की मिलीभगत की पोल अपने आप में खुल रही है।

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