रूपेश ओझा फिर छावनी परिषद के निर्विरोध उपाध्यक्ष निर्वाचित

अयोध्या ।। रूपेश ओझा ने एक बार फिर छावनी परिषद में भाजपा का परचम लहराया है। छावनी परिषद के सभासदों का विश्वास हासिल करते हुए रूपेश ने दोबारा उपाध्यक्ष का पद निर्विरोध प्राप्त किया है। वह लगातार दूसरी बार भाजपा से छावनी परिषद के उपाध्यक्ष निर्वाचित हुए हैं।

कोरोना के चलते छावनी परिषद का चुनाव गत फरवरी माह में नहीं हो सका था। सभासदों का कार्यकाल एक वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया था, लेकिन उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव नहीं हो सका था। उपाध्यक्ष का चुनाव सभासदों की वोटिग से होना था। कोरोना संक्रमण की भयावह स्थिति की वजह से मतदान नहीं हो सका था। रक्षा मंत्रालय की ओर से दिशा-निर्देश मिलने के बाद शुक्रवार को छावनी परिषद कार्यालय में उपाध्यक्ष के लिए निर्वाचन प्रक्रिया संपन्न हुई।

नवनिर्वाचित उपाध्यक्ष रूपेश ओझा को छावनी परिषद के अध्यक्ष व ब्रिगेडियर जेकेएस बिर्क, मुख्य अधिशासी अधिकारी विकास कुमार सहित छावनी बोर्ड के सभी सदस्यों ने शुभकामनाएं दीं। बड़ी संख्या में लोग उन्हें बधाई देने के लिए छावनी क्षेत्र स्थित आवास पर मौजूद रहे। भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं ने भी उन्हें जीत के लिए बधाई दी। उनका कार्यकाल फरवरी 2021 तक होगा।

वर्ष 2014-15 में सपा शासन के वक्त संपन्न हुए छावनी परिषद के चुनाव में रूपेश को उपाध्यक्ष चुना गया था। भाजपा ने रूपेश पर विश्वास जताते हुए उन्हें अपना प्रत्याशी घोषित किया था। रूपेश ने भी निर्विरोध जीत दर्ज कराते हुए भाजपा का इकबाल बुलंद किया। शुक्रवार को ब्रिगेडियर जेकेएस बिर्क की अध्यक्षता में उपाध्यक्ष का चुनाव संपन्न हुआ, जिसमें रूपेश ने दोबारा एकतरफा जीत हासिल की। छावनी परिषद कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार रूपेश ओझा के विपक्ष में कोई पर्चा नहीं दाखिल हुआ। वह कैंट बोर्ड की वित्त समिति के दोबारा अध्यक्ष भी नियुक्त हुए हैं। नवनिर्वाचित उपाध्यक्ष ने कहाकि जनता की समस्याओं का समाधान व क्षेत्र का विकास उनकी प्राथमिकता में शामिल है।

रिपोर्टर

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