
छठे वेतन आयोग की बकाया राशि पर अड़ऩे लगे कर्मचारी
- महेंद्र कुमार (गुडडू), ब्यूरो चीफ भिवंडी
- Sep 03, 2025
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भिवंडी मनपा आयुक्त ने मांगा 55.40 करोड़ का अलग फंड
भिवंडी। भिवंडी मनपा आयुक्त अनमोल सागर ने नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखकर छठे वेतन आयोग की अंतर राशि के भुगतान के लिए राज्य सरकार से 55.40 करोड़ रुपये का अलग से फंड उपलब्ध कराने की मांग की है। यह मांग मनपा कर्मचारियों की लंबे समय से चली आ रही नाराजगी और आंदोलनों के बीच की गई है।सरकारी निर्णय के अनुसार, 10 अगस्त 2009 से महाराष्ट्र राज्य के नगर निगमों को छठे वेतन आयोग के अनुसार संशोधित वेतनमान लागू करने का निर्देश दिया गया था। इसी के तहत 27 अप्रैल 2011 को भिवंडी मनपा की साधारण सभा ने भी अपने अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए यह वेतनमान लागू करने की मंजूरी दी थी। हालांकि, अब तक कर्मचारियों को इसका अंतर नहीं मिला है।
इस मुद्दे पर कर्मचारी संगठन लगातार दबाव बना रहे हैं। समय-समय पर विरोध प्रदर्शन भी हुए हैं। जनप्रतिनिधियों और कर्मचारी संगठनों ने मनपा प्रशासन को पत्र लिखकर मांग की है कि सरकार इस बकाया राशि का अलग से प्रावधान करे।वर्तमान वित्तीय स्थिति का हवाला देते हुए आयुक्त ने पत्र में कहा है कि मनपा को अभी सरकार से जीएसटी रिफंड के रूप में 33 करोड़ रुपये मासिक सब्सिडी मिलती है। इसमें से लगभग 33 करोड़ रुपये कर्मचारियों के वेतन और करीब 10 करोड़ रुपये अन्य अनिवार्य खर्चों पर खर्च हो जाते हैं। इस तरह मनपा का कुल मासिक व्यय करीब 43 करोड़ रुपये है। दूसरी ओर, मनपा की राजस्व आय काफी कम है और दैनिक खर्चों में ही समाप्त हो जाती है। ऐसे में बकाया अंतर राशि का भुगतान करना संभव नहीं है।आयुक्त ने स्पष्ट किया है कि जब तक राज्य सरकार अलग से फंड उपलब्ध नहीं कराती, तब तक कार्यरत और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग की अंतर राशि देना मनपा के लिए असंभव है। अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या सरकार इस पर त्वरित निर्णय लेकर मनपा कर्मचारियों की पुरानी मांग पूरी करती है या मामला एक बार फिर टल जाता है।
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