भारतमाला परियोजना को लेकर डीएम ने की किसान नेताओं के साथ बैठक


कैमूर - समाहरणालय में जिला पदाधिकारी सुनील कुमार ने भारतमाला परियोजना से प्रभावित किसानों के प्रतिनिधिमंडल के साथ महत्वपूर्ण वार्ता की। बैठक में किसानों की विभिन्न मांगों और समस्याओं पर विस्तार से चर्चा हुई। जिला पदाधिकारी ने किसानों को आश्वस्त किया कि पूर्ववर्ती जिला पदाधिकारी द्वारा जिस सहानुभूति के साथ किसानों के पक्ष को सरकार के समक्ष प्रस्तुत किया गया था, उसी परिपाटी को आगे बढ़ाते हुए प्रशासन किसानों के हित में हरसंभव प्रयास करेगा। बैठक में किसानों ने आर्बिट्रेटर के आदेश की सत्यापित प्रति प्राप्त करने में आ रही कठिनाइयों की शिकायत की। इस पर त्वरित संज्ञान लेते हुए डीएम ने जिला भू-अर्जन पदाधिकारी को निर्देशित किया कि सभी प्रभावित किसान अपने आवेदन पत्र भू-अर्जन कार्यालय में जमा करें और कार्यालय द्वारा कर्मी भेजकर पटना से सत्यापित प्रति मंगवाई जाए ताकि किसानों को भभुआ में ही प्रति उपलब्ध कराई जा सके। कई किसानों ने मुआवजा राशि, भूमि की दर एवं किस्म को लेकर भी अपनी बात रखी।


जिला पदाधिकारी ने स्पष्ट किया कि इन सभी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए सरकार को अवगत कराया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि आर्बिट्रेटर का आदेश आ चुका है और उसे केवल सक्षम न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है, अतः इस संबंध में प्रशासनिक हस्तक्षेप की सीमाएं सीमित हैं। फिर भी सरकार के स्तर पर पत्राचार किया जाएगा। मुआवजा भुगतान में हो रही देरी को लेकर पूछे गए सवाल पर जिलाधिकारी ने कहा कि सभी किसान यथाशीघ्र अपना आवेदन भू-अर्जन कार्यालय में जमा करें ताकि अमीन द्वारा पैमाइश करवा कर अधिगृहित भूमि का वाजिब मुआवजा शीघ्र अदा किया जा सके। इसके पूर्व, आज प्रातः जिला पदाधिकारी ने भारतमाला परियोजना के कार्य स्थलों का निरीक्षण भी किया। उन्होंने मसोई, दमदम, सारंगपुर आदि क्षेत्रों का दौरा कर कार्य की प्रगति की समीक्षा की तथा संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।

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