
देश को आजाद कराने में सुब्रमण्यम स्वामी की भूमिका अहम: राकेश कुमार यादव
- संदीप मिश्र, ब्यूरो चीफ जौनपुर
- Dec 11, 2022
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सुब्रमण्यम भारती की रचनाओं ने देश को बनाया समृद्ध साली: बृजेश कुमार सिंह
सुईथाकला ।। आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम की श्रृंखला में महाकवि सुब्रमण्यम भारती की जन्म जयंती को भारतीय भाषा उत्सव के रूप में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी गोरखनाथ पटेल के कुशल निर्देशन तथा खंड शिक्षाधिकारी राजेश कुमार वैश्य के मार्गदर्शन में प्राथमिक विद्यालय कोटिया में शिक्षकों और छात्र छात्राओं द्वारा उत्साह पूर्वक मनाई गई। देश को आजाद कराने में उनकी भूमिका पर प्रकाश डालते हुए ब्लॉक व्यायाम शिक्षक राकेश कुमार यादव ने महाकवि भारती के क्रांतिकारी जीवन को याद किया। उन्होंने छात्रों को बताया कि सन् १९०० तक वे भारत के राष्ट्रीय आन्दोलन में पूरी तरह जुड़ चुके थे और उन्होने पूरे भारत में होने वाली कांग्रेस की सभाओं में भाग लेना आरम्भ कर दिया था।भगिनी निवेदिता, अरविन्द और वंदे मातरम् के गीत ने भारती के भीतर आजादी की भावना को और पल्लवित किया। कांग्रेस के उग्रवादी तबके के करीब होने के कारण पुलिस उन्हें गिरफ्तार करना चाहती थी।भारती १९०८ में पांडिचेरी गए, जहां दस वर्ष वनवासी की तरह बिताए। इसी दौरान उन्होंने कविता और गद्य के जरिये आजादी की बात कही। ‘साप्ताहिक इंडिया’ के द्वारा आजादी की प्राप्ति, जाति भेद को समाप्त करने और राष्ट्रीय जीवन में नारी शक्ति की पहचान के लिए वे जुटे रहे।आजादी के आन्दोलन में २० नवम्बर १९१८ को वे जेल गए।
महाकवि सुब्रमण्यम भारती के योगदान को याद करते हुए प्रधानाध्यापक बृजेश कुमार सिंह ने कहा कि उन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से राष्ट्र को समृद्ध साली बनाया। उन्होंने समाज को एक नई दिशा दी। वाराणसी से उच्च शिक्षा ग्रहण करने वाले तमिल कवि की कविताएं राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत हैं। कवि होने के साथ-साथ वाह एक महान स्वतंत्रता सेनानी, महान समाज सुधारक तथा उत्कृष्ट पत्रकार और उत्तर भारत-दक्षिण के बीच एकता के सेतु के समान थे।भारत के महान् कवियों में से एक थे, जिन्होंने तमिल भाषा में काव्य रचनाएँ कीं। इन्हें महाकवि भरतियार के नाम से भी जाना जाता है।भारती एक जुझारू शिक्षक, देशप्रेमी और महान् कवि थे। इस अवसर पर राम सकल सरोज, सुनीता यादव आदि उपस्थित रहे।
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