अविस्मरणीय राष्ट्र नायक चंद्रशेखर आज़ाद@ प्रोफेसर पुरोहित

जौनपुर ।। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर डॉ निर्मला एस मौर्य के कुशल संरक्षण में अमर राष्ट्रनायक चंद्रशेखर आजाद की जयंती पर 23 जुलाई को  ऑनलाइन वेबीनार कार्यक्रम आयोजित हुआ जिसमें दून विश्वविद्यालय देहरादून, प्रबंध अध्ययन संस्थान के संकायाध्यक्ष प्रोफेसर एचसी पुरोहित ने  आजाद की जयंती पर  श्रद्धांजलि अर्पित किया।बतौर मुख्य वक्ता  अपने विचार प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि भारत के इस महान राष्ट्र नायक ने देश के युवाओं का नेतृत्व किया। उन्होंने आजाद को अल्प आयु में अविस्मरणीय कार्य करते वाला राष्ट्र नायक बताया । मुख्य वक्ता ने ऐसे राष्ट्र नायक को खोना देश की एक  क्षति बताया जिसकी भरपाई सम्भव नहीं है।  उन्होंने देश के नव युवकों से राष्ट्र निर्माण के प्रति किए गए उनके संघर्षमय जीवन से प्रेरणा लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यदि राष्ट्र निर्माण में हम अपना अंश मात्र भी  दें तो यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। 

आजादी के अमृत महोत्सव 'हर घर तिरंगा' कार्यक्रम के नोडल अधिकारी तथा पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ मनोज मिश्र ने कार्यक्रम से जुड़े अतिथियों एवं प्रतिभागियों के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि देश के युवा हमारे देश के बलिदानियों से प्रेरणा लें । अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि देश के युवाओं  को राष्ट्र निर्माण के  लिए योगदान देने के लिए जुड़ना चाहिए।उन्होंने बहुत कम समय में कार्यक्रम का सफल आयोजन करने के लिए  डॉ दिग्विजय सिंह राठौर तथा डॉ दिव्येंदु मिश्रा के योगदान की सराहना की। विभागाध्यक्ष ने आजादी से पहले सोशल मीडिया के अभाव में भी महान क्रांति के पीछे  दिए गए महान योगदान को याद किया। नोडल अधिकारी ने बताया कि आगामी 17 अगस्त को आजादी के गुमनाम शहीदों की स्मृति में  कार्यक्रम आयोजित होगा।

राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम समन्वयक डॉ राकेश कुमार यादव ने जयंती पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित किया। कार्यक्रम समन्वयक ने कहा कि आज का दिन बड़ा पुनीत है क्योंकि इसी दिन देश के महान क्रांतिकारी का भारत की धरती पर अवतरण हुआ। गुलामी की बेड़ियों से आजादी दिलाने में चंद्रशेखर आजाद के योगदानों पर उन्होंने प्रकाश डाला। आजाद के साथ-साथ लोकमान्य तिलक की जयंती पर उन्होंने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए उनके त्याग और बलिदान को याद किया। उन्होंने कहा कि"स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है" का नारा देने वाले, अंग्रेजों की नाक में दम करने वाले तिलक ने आजादी  के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। उन्होंने आजाद तथा तिलक को सशक्त राष्ट्र निर्माता बताया ।

लोक दायित्व संस्था के संयोजक व नदी बचाओ अभियान चलाने वाले पवन सिंह ने कहा कि यदि होम रूल लीग आंदोलन न  छिड़ता तो हमारा देश पीछे चला जाता । उन्होंने राम प्रसाद बिस्मिल ,राजेंद्र लाहिड़ी आदि के बलिदानों को भी नमन किया। आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के नोडल अधिकारी प्रोफेसर अजय प्रताप सिंह ने कार्यक्रम से जुड़े महानुभावों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हुए  आभार प्रकट किया।उन्होंने कहा कि समाज को अतीत के अमर शहीदों से प्रेरणा लेनी चाहिए। मौके पर डॉ गिरिधर मिश्र, डॉ सुनील कुमार, डॉ अवध बिहारी सिंह, डॉ चंदन सिंह ,डॉ नितेश जायसवाल, डॉ पुनीत धवन ,डॉ अमित यादव,डॉ शिव शंकर,डॉ पंकज सिंह,डॉ अविनाश वर्मा,डॉ आलोक प्रताप सिंह सहित सभी विद्यार्थियों ने भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।

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