
जन्मदिन विशेष-डॉ. रामसिंगार शुक्ल गदेला गुरुजी का पत्रकारिता को समर्पित 42 वां वर्ष
- संदीप मिश्र, ब्यूरो चीफ जौनपुर
- Oct 07, 2018
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जन्मदिन विशेष
जौनपुर : जिले में ही नही बल्कि यदि उत्तर प्रदेश राज्य स्तरीय पत्रकारिता के समर्पित चेहरों पर ध्यान आकर्षित किया जाय तो टॉप 10 पत्रकारों में डॉ. रामसिंगार शुक्ल "गदेला गुरुजी" का नाम बड़े ही सम्मान के साथ लिया जाता है। पूरे उत्तर प्रदेश राज्य में गदेला गुरुजी वरिष्ठता में आज दूसरे स्थान पर हैं जिससे यह आंकलन सहज ही लगाया जा सकता है कि पत्रकारिता किस तरह उनके अंग अंग में समायी है। पत्रकारिता को पूजने वाले गदेला गुरुजी का आज 7 अक्टूबर को जन्मदिन है। सबसे पहले उन्हें जन्मदिन पर कोटिशः शुभकामनाएं।
राज्यपाल से चर्चा करते हुए गुरुजी
रामसिंगार शुक्ल "गदेला गुरुजी" नें पत्रकारिता की शुरुआत भी अपने जन्मदिन के अवसर पर ही शुरू की थी। इनके विषय मे थोड़ा विस्तार से बताते चलें-
गदेला गुरुजी का जन्म जिला मुख्यालय से 5 किमी की दूरी पर जफराबाद रोड़ पर पूर्व उत्तर प्रदेश के गृह मंत्री बाबू हरगोविंद सिंह की सरजमीं अहमदपुर गांव में 7 अक्टूबर 1950 को पंडित स्वर्गीय जयदेव शुक्ल के होनहार पुत्र के रूप में हुआ। जिले के ही बी आर पी कालेज से 12वीं तक की शिक्षा ग्रहण करने के बाद लखनऊ विश्वविद्यालय से हिंदी विषय से स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की। काशी विद्यापीठ से पी एच डी की उपाधि प्राप्त की। निष्पक्षता जोकि इनकी रग रग में बसी थी और लोगों की समस्याओं को पटल पर लाकर उनका समाधान करने की ललक नें उन्हें पत्रकारिता के क्षेत्र में लाया और वाराणसी से उस समय प्रकाशित होने वाले हिंदी दैनिक जयदेश में 7 अक्टूबर 1977 से पत्रकारिता की शुरुवात कर दी और तब से आज तक बेरोकटोक पत्रकारिता की निष्पक्षता का एक दृड़ स्तंभ बने हुए हैं।
प्रसिद्ध हिंदी दैनिक तरुण मित्र 8 अक्टूबर 1978 को जब लांच हुआ तो बतौर जिला संवाददाता के रूप में अपना परचम लहराया यही नही तरुण मित्र के व्यंग कालम "कहो मियां" को तो पाठक अब तक दिमाग मे संजोए हुए हैं। अपनी बेबाकी के लिए धीरे धीरे पूरे उत्तर प्रदेश राज्य में इनकी कीर्ति फैलती गयी और 1983 में तत्कालीन मुख्यमंत्री श्रीपत मिश्र द्वारा इन्हें सम्मनित भी किया गया। दसकों तक अमर उजाला, दैनिक जागरण वाराणसी से प्रकाशित समाचार ज्योति समेत तमाम समाचार पत्रों को अपनी बेबाक पत्रकारिता के माध्यम से शीर्ष तक पहुंचाने में अपना अहम योगदान देते रहे हैं।
विवाह की 40वी वर्षगांठ का फोटो
गोमती पत्रकार संघ के अध्यक्ष के रूप में जिले के पत्रकारों को भी गुरुजी सेवाएं दे रहे हैं तथा समय समय पर जिले के पत्रकारों को बेशकीमती राय देकर भी उनकी शक्ति को बढ़ाने का काम करते हैं। गदेला गुरु जी पत्रकार शिरोमणि व पत्रकार गौरव के सम्मान से भी नवाजे जा चुके हैं।
गदेला गुरुजी ने आज पत्रकारिता के 42वें वर्ष की शुरुवात कर दी है। निष्पक्ष पत्रकारिता की डगर कितनी मुश्किल व काँटो भरी होती है इसकी कल्पना कोई बुद्धिजीवी ही कर सकता है। अपनी लेखनी के माध्यम से शासन प्रशासन व सरकार को जगाने में गदेला गुरुजी का नाम बड़े ही सम्मान के साथ लिया जाता है।
इन दिनों गुरुजी के द्वारा एक महाकाव्य लिखा जा रहा है जिसका शीर्षक "रोटी और आजादी" है जिसमे उन्होंने बताया है कि हिंदुस्तान की जनता आज आजाद तो है लेकिन अब भी हम रोटी के गुलाम बने हुए हैं।
हिंदी समाचार की तरफ से हम उनके दीर्घायु एवं निरोगी होने की कामना करते हैं साथ ही शासन प्रशासन से यह आग्रह करते हैं कि सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश राज्य में वरिष्ठता सूची में दूसरे स्थान पर होने तथा तमाम उपलब्धियों के कारण उन्हें गौरवशाली पुरस्कार पद्मश्री से नवाजें तथा इस माध्यम से चौथे स्तंभ का सम्मान करें।
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