महाराष्ट्र मे मनपा चुनावों को लेकर राजनैतिक हलचल शुरू, कुछ मनपा का कार्यकाल खत्म और कुछ समाप्ति के करीब...

मुंबई।। मनपा चुनावों को लेकर राजनैतिक गलियारों मे हल चल शुर हो गई है। आइये जानते है किसी मनपा का कार्यकाल समाप्त हो गया है। और किसी मनपा का कार्यकाल  कब समाप्त होनेवाला है।

औरंगाबाद, कोल्हापुर तथा वसई-विरार इन महानगरपालिकाओं सहित 65 नगरपालिकाओं व नगर परिषदों का कार्यकाल खत्म होने के बावजूद वहां के चुनाव कोविड संक्रमण की वजह से प्रलंबित पडे है और इन स्थानीय निकायों के चुनाव आगामी अक्तूबर माह में लेने की तैयारी राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा शुरू की गई है। बता दें कि, औरंगाबाद, नवी मुंबई, वसई-विरार व कोल्हापुर महानगरपालिकाओें के चुनाव विगत एक वर्ष से प्रलंबित है और कोविड के खतरे को देखते हुए इन चुनाओें को स्थगित रखा गया है। हालांकि चुनाव लेने के लिए हाईकोर्ट में याचिकाएं दाखिल की गई है।

जिनमें कहा गया है कि, अगर देश में विधानसभा चुनाव हो सकते है, तो मनपा चुनाव क्यों नहीं करवाये जा सकते। वहीं अब कोविड संक्रमण की संभावित तीसरी लहर के खतरे को ध्यान में रखते हुए निर्वाचन आयोग द्वारा अक्तूबर माह में कार्यकाल खत्म कर चुकी महानगरपालिकाओं सहित नगरपालिकाओं व नगर पंचायतों में चुनाव करवाने की तैयारी शुरू की है।

मुंबई, पुणे, पिंपरी-चिंचवड व अमरावती सहित राज्य की 10 महानगरपालिकाओं के चुनाव फरवरी माह में होना अपेक्षित है। कोविड संक्रमण के खतरे को देखते हुए यद्यपि चुनाव आगे स्थगित किये जाने की संभावना व्यक्त की जा रही है, किंतु यदि टीकाकरण की रफ्तार बढाई गई और कोविड संक्रमण की स्थिति नियंत्रण में रही, तो सभी चुनाव समय पर हो सकते है।

कार्यकाल खत्म - औरंगाबाद 18 अप्रैल 2020, नवी मुंबई - 8 मई 2020, वसई-विरार 27 जून 2020, कोल्हापुर - 15 नवंबर 2020, मुंबई - 7 मार्च 2022, अमरावती - 6 मार्च 2022, सोलापुर - 7 मार्च 2022, नासिक - 14 मार्च 2022, पिंपरी-चिंचवड - 13 मार्च 2022, ठाणे - 5 मार्च 2022, पुणे - 14 मार्च 2022, अकोला - 8 मार्च 2022, नागपुर - 4 मार्च 2022, उल्हासनगर - 4 मार्च 2022

वर्ष 2019 में आघाडी सरकार द्वारा मंजुर किये गये कानून के तहत राज्य सरकार ने एक सदस्यीय प्रभाग पध्दति तय की है। हालांकि प्रभाग में दो सदस्यों का समावेश रहने को लेकर उपमुख्यमंत्री अजीत पवार द्वारा अपनी राय व्यक्त की गई थी। किंतु कानून में बदलाव करने के लिए विधान मंडल में निर्णय लेना होगा। महाविकास आघाडी के रूप में भी राज्य सरकार में शामिल घटक दल इस चुनाव को लडनेवाले है। ऐसे में अंतर्गत विवाद टालने हेतु एक सदस्यीय वॉर्ड ही सुविधाजनक रहेंगे, ऐसा आघाडी के नेताओं का मानना है। जिसके चलते इस बार मनपा को पालिका चुनाव एक सदस्यीय प्रभाग पध्दति से होने की काफी संभावना है।

वर्ष 1968 में बहुसदस्यीय प्रभाग रचना अस्तित्व में थी और एक प्रभाग में दो से छह नगरसेवक हुआ करते थे। पश्चात वर्ष 2002 में त्रि सदस्यीय प्रभाग रचना अस्तित्व में आयी। जिसे वर्ष 2007 में बदलकर एक सदस्यीय कर दिया गया। पश्चात वर्ष 2014 में फडणवीस सरकार के कार्यकाल दौरान चार सदस्यीय प्रभाग रचना को अमल में लाया गया। वहीं अब मौजूदा राज्य सरकार द्वारा एक सदस्यीय वार्ड रचना को मंजूरी दी गई है।

रिपोर्टर

संबंधित पोस्ट