
"लोगों को लग गई हैं फोकट मे लेने की आदत" - नितिन गडकरी
- रामसमुझ यादव, ब्यूरो चीफ मुंबई
- Feb 15, 2021
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मुंबई।। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का आइडिया जितना शानदार होता है उसे पेश करने का अंदाज भी उतना ही निराला होता है। रविवार को वे नागपुर में सड़क सुरक्षा से जुड़े एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने अपनी 12 जनवरी को लॉन्च हुए गोबर से पेंट और डिस्टंपर बनाने की योजना पर अपने विचार प्रकट किए। इसी क्रम में उन्होंने अपने ही अंदाज में अपनी बात रखते हुए कहा, 'फोकट में दो तो लोगों को लगता है कि गडकरी के पास खूब हराम का माल है। लोगों को अब तक सब फोकट में लेने की आदत पड़ गई है। हम भी अब तक सब फोकट में देते आ रहे थे। लेकिन, अब किसी को कुछ फोकट में नहीं मिलेगा। कुछ देने से पहले एक रुपया ही सही, लेकिन लूंगा।
नितिन गडकरी भविष्य के भारत के स्वप्न के बारे बताते हुए कह रहे थे कि वे गोबर से पेंट बनाने की एक फैक्ट्री को बनाने में 15 लाख रुपए का खर्च आता है। ऐसी फैक्ट्री अगर हर गांव में लगाई जाए तो गांव-गांव में रोजगार बढ़ेगा. गोबर भी तब गोबर के भाव में नहीं बिकेगा। रंग बनाने के लिए यह गोबर 5 रुपए किलो बेचा जाएगा। जयपुर में इसके लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है। 12 जनवरी को खादी ग्रामोद्योग आयोग की तरफ से गोबर से बने हुए पेंट की लॉन्चिंग की थी। गडकरी ने इसे इकोफ्रेंडली और स्वास्थ्य के लिए नुकसानरहित बताया था. मध्यम और लघु उद्योग मंत्रालय ने इसकी प्रेरणा नितिन गडकरी को बताया था। जयपुर स्थित कुमरप्पा नेशनल हैंडमेड पेपर इंस्टिट्यूट को इसका पेटेंट मिला है। पेंट बनाने के लिए गोबर में शीशे, क्रोमियम, आर्सेनिक, पारा और कैडमियम मिलाए गए हैं।
गोबर से पेंट बनाने के इसी आइडिया पर बोलते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि फ्री में पाने की आदत अब बदलनी होगी। सही विकास तभी होगा जब गोबर बेचने के किसानों को सही पैसे मिलेंगे। उन्होंने बताया कि उनके घर में 25 जानवर हैं। इन गाय, बैल, भैंसों से उन्हें कम से कम 300 किलो गोबर मिलेंगे। इससे रोज 1500 रुपए की कमाई हो सकती है। ये 1500 महीने में 40 हजार रुपए हो जाते हैं. इस तरह गांव-गांव में रोजगार बढ़ेगा।
देश में 30 फीसदी ड्राइविंग लाइसेंस बोगस.... केंद्रीय मंत्री सड़क सुरक्षा से जुड़े कार्यक्रम में बोल रहे थे। जाहिर है कि इस संबंध में वो सबसे पहले बोलते। उन्होंने बताया कि देश में ड्राइविंग लाइसेंस बहुत आसानी से मिल जाता है। ऐसे में देश में 30 फीसदी ड्राइविंग लाइसेंस बोगस हैं। नितिन गडकरी ने इस पर भी अपना आइडिया अपने ही अंदाज में सुनाया। अब से अगर कोई अपनी गाड़ी रास्तों पर खड़ी करेगा तो मोबाइल से उसकी तस्वीर खींच कर भेजने वाले को उस गाड़ी के मालिक से फाइन में मिले पैसे का आधा हिस्सा दिया जाएगा, आधा सरकार के खाते में जाएगा।
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