
भेला की रामलीला का भव्य समापन, ग्रामीणों ने उत्कृष्ट अभिनय का प्रदर्शन कर किया पात्रों को जीवंत
- संदीप मिश्र, ब्यूरो चीफ जौनपुर
- Nov 22, 2020
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भेला,( जौनपुर )।
जनपद जौनपुर के भेला गांव में मर्यादा पुरुषोत्तम रामलीला समिति द्वारा खेले जाने वाली रामलीला के समापन के अवसर पर पात्रों ने अंगद रावण संवाद और लक्ष्मण शक्ति का भव्य मंचन किया जिसे देखकर दर्शक भाव विभोर हो उठे।कार्यक्रम का शुभारंभ उसरौली के प्रधान पंकज मिश्र द्वारा किया गया। यह रामलीला अनवरत 21 वर्षों से खेली जा रही है । इस रामलीला में गांव के ही बच्चे सुंदर अभिनय करके रामायण के असली पात्रों को जीवंत करने में कोई कसर नही छोड़ते, जिसमें पुरुष और नारी दोनों का किरदार शामिल होता है। अगल बगल के गांव से भी लोग यहां विशेष करके इन किरदारों को देखने के लिए आते हैं ।
इस समिति के अध्यक्ष अमरजीत बिंद ,उपाध्यक्ष दयाराम प्रजापति, कोषाध्यक्ष जटाशंकर मिश्र, उप कोषाध्यक्ष राजेश कुमार मिश्रा, संचालक रविंद्र कुमार बिंद, उप संचालक गोविंद बिंद, प्रबंधक चंद्रभूषण पाण्डेय व उपप्रबंधक संजय सिंह हैं। निर्देशन का कार्य संदीप मिश्र द्वारा किया जाता है। समिति के लोगों से यह ज्ञात हुआ कि इस कार्य में विशेष आर्थिक सहयोग ओमप्रकाश बिंद , चंद्रप्रकाश मिश्र, मनोज पांडेय, सीताराम प्रजापति, जटाशंकर मिश्र, रायसाहब सिंह,राकेश मिश्र,अरविंद मिश्र, अखिलेश मिश्र, लक्षिमन बिंद, अनन्त सिंह , अमरजीत बिंद , अवधेश मिश्र व संदीप मिश्र का रहा।
इन सभी से बात करने पर बात करने पर इन लोगों ने बताया कि इस रामलीला के संस्थापक स्व. शोभनाथ मिश्र जी थे जो बहुत रामलीला के बहुत प्रेमी थे। उन्होंने इससे पूर्व भी कई बार रामलीला चलाने का प्रयास किया किन्तु किसी न किसी कारण से बार बार बंद हो जाता था किंतु उन्होंने हार नहीं मानी और अंततः एक रामकथा प्रेमी समिति बनाने में सफल रहे ।
यह रामलीला अनवरत 21 वर्षों से भगवान राम के चरित्रों को जन-जन में पहुंचाने के उद्देश्य से दर्शाई जाती है । श्रद्धा पूर्ण ढंग से इसके पात्र कार्य करते हैं । पात्रों के साथ सज्जा का संचालन प्रदीप विश्वकर्मा और ऋषभ विश्वकर्मा देखते हैं जो अत्यंत ही सराहनीय ढंग का होता है । प्रबंध समिति एवं ग्राम वासियों का कहना है गांव के ही लोग सहयोग देकर इस कार्यक्रम को जारी रखते हैं जबकि प्रशासन द्वारा आज तक सांस्कृतिक कार्यक्रम हेतु किसी भी मंच का निर्माण तक नहीं किया गया है कि जिसके माध्यम से धार्मिक व सामाजिक मंचन करके ग्रामीणों का मनोरंजन व उनमें सामाजिक शिक्षा दीक्षा का प्रचार प्रसार किया जा सके ।इस बात को लेकर जागरूक ग्रामीणों में काफी निराशा देखी।
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