देवरिया सीट : टिकट चाहने वालों ने शुरू कर दी नेताओं की परिक्रमा

देवरिया।। उप चुनाव की बढ़ी सरगर्मी, सदर विधायक जन्मेजय सिंह के निधन से खाली हुई देवरिया सीट के लिए चुनावी सरगर्मी तेज हो गयी है वही इस सीट पर मुख्य रूप से पिछड़ी जाति का कब्जा होने की भी चर्चा चल रही है ।

देवरिया सदर विधायक जन्मेजय सिंह के आकस्मिक निधन के कुछ ही दिन बीते है लेकिन उनके निधन से खाली सीट पर चुनाव लड़ने को लेकर नेता सक्रिय हो गए हैं। कई चर्चित चेहरे भी दांव बदलकर मैदान में आने के लिए अपनी गोटी सेट करने में जुट गए है। खाली सीट पर वैसे तो उप चुनाव छह माह के अंदर होता हैं। लेकिन बदलते परिवेश में इस बार चुनाव तीन माह के अंदर होने की अटकलें लगाई जा रही हैं। ऐसी संभावना है कि प्रदेश की अन्य खाली सीटों के साथ ही देवरिया विधानसभा क्षेत्र का चुनाव भी हो जाएगा। चुनाव लड़ने को लेकर भाजपा सहित अन्य दलों के नेता दिल्ली एवं लखनऊ पहुंच गए हैं। हाल के कई चुनावों पर गौर करें तो देवरिया सदर विधानसभा के चुनाव में पिछले चुनाव में पिछड़ी जाति के प्रत्याशियों का कब्जा रहा है। जन्मेजय सिंह भी पिछड़ी जाति से थे और दो बार भाजपा से चुनाव जीतने में कामयाब रहें। भाजपा के पिछड़ी जाति के नेताओं को उम्मीद है कि इस रिक्त सीट पर भाजपा उन्हें मौका देंगी। इसलिए गोरक्ष प्रांत के कई पदाधिकारी भी टिकट की दौड़ में शामिल हो गए हैं। भाजपा जहां इस सीट को हर हाल में जीतना चाहेंगी, वहीं सपा भी बदलते समीकरण का लाभ लेने की फिराक में है। भाजपा टिकट जन्मेजय परिवार से किसी को देती है या किसी अन्य को चुनाव लड़ाती अभी तय नहीं हैं। तीन बार कांग्रेस एवं सपा से चुनाव लड़ चुके पूर्व एमएलसी जेपी जायसवाल इस बार भी सपा से टिकट चाहते हैं।

भाजपा में दावेदारी के लिए सबसे अधिक मारामारी उप चुनाव में सबसे अधिक दावेदार भाजपा में है। इसमें अकेले बृाह्मण बिरादरी के दस लोग टिकट पाने की होड़ में है। इसमें कुछ शिक्षक वर्ग से भी हैं। भाजपा के कुछ पूर्व जनप्रतिधियों के पुत्र भी टिकट मांग रहे हैं। क्षत्रिय समाज से एक पूर्व विधायक, नगरपालिका अध्यक्ष, हियुवा वाहिनी से जुड़े लोग भी उप चुनाव लड़ने की इच्छा रखते हैं। पिछड़ी जाति से जन्मेजय सिंह के परिवार के अलावा एक पूर्व विधायक सहित अन्य दल एवं क्षेत्र से विधानसभा का चुनाव लड़ चुके लोग भी लाइन में है। गोरक्ष प्रांत के एक पदाधिकारी के नाम की भी चर्चा है। वहीं तीन बार विधानसभा चुनाव कांग्रेस एवं सपा से लड़ चुके जेपी जायसवाल, जिला पंचायत के निवर्तमान अध्यक्ष रामप्रवेश यादव एवं एक पूर्व प्रमुख के नामों की चर्चा है। बसपा जिलाध्यक्ष नीतिश कुमार का कहना है कि बसपा भी चुनाव में उतरेगी। उधर कांग्रेस के प्रदेश महासचिव एवं देवरिया के प्रभारी विश्वविजय सिंह का कहना है कि कांग्रेस मजबूती से उप चुनाव लड़ेगी। इसके लिए पार्टी ने होमवर्क शुरू कर दिया है। दांव बदल सकते कई चेहेरे उप चुनाव में कई चर्चित चेहरे दांव बदल सकते हैं। अपनी गोटी सेट करने में ऐसे लोग जुट हैं। इसमें कुछ ऐसे नाम भी हैं जिनके आने से राजनीतिक माहौल गरमा सकता है। नेतृत्व एवं बिरादरी पर सबकी नजर है। सपा ब्राह्मण कार्ड भी खेल सकती है। वैसे सभी दल प्रत्याशी चयन करते समय वोट बैंक को भी ध्यान में रखेंगे।

पिछले चार विधानसभा चुनावों की स्थिति वर्ष 2002.. दीनानाथ कुशवाहा -नेलोपा- ( जीते), रामनगीना यादव- - सपा, विभव पांडेय - बसपा,सुभाषचंद श्रीवास्तव- जदयू -भाजपा गठबंधन, रवींद्र प्रताप मल्ल- निर्दल

 वर्ष.2007....दीनानाथ कुशवाहा - सपा - (जीते), कमलेश शुक्ला - बसपा, जेपी जायसवाल - कांग्रेस, सुभाषचंद्र श्रीवास्तव - भाजपा- जदयू गठबंधन

वर्ष 2012... जन्मेजय सिंह- भाजपा -( जीते ), प्रमोद सिंह - बसपा, दीनानाथ कुशवाहा - सपा, जेपी जायसवाल - कांग्रेस

वर्ष 2017... जन्मेजय सिंह - भाजपा -( जीते ), जेपी जायसवाल - कांग्रेस-सपा गठबंधन, अभयनाथ तिवारी - बसपा

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