
ट्रिपल मर्डर में चार निलंबित,,आईजी पहुंचे फिरोजपुर गांव,,कानून ब्यवस्था पर नाराजगी
- संदीप मिश्र, ब्यूरो चीफ जौनपुर
- Aug 24, 2020
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खुटहन(जौनपुर) ।। जौनपुर जनपद के खुटहन थाना क्षेत्र में फिरोजपुर गांव में भूमि विवाद को लेकर दो पक्षों में जमकर मारपीट हुई। मारपीट में तीन की मौत के मामला सामने आने से शाम लगभग सात बजे आईजी बिजय सिंह मीणा ने मौके पर पहुंचकर घटना के बिषय में जानकारी लिया। मृतक रामचंद्र की पत्नी से घटना के बिषय में बातचीत की। आई जी ने क्षेत्रीय पुलिस की शिथिल कानून ब्यवस्था पर नाराजगी भी जाहिर की । प्रभारी थाना निरीक्षक ,एक दरोगा व दो पुलिस कर्मचारियों को इस मामले में निलंबित कर दिया गया है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार फिरोजपुर गांव में महीनो से चले आ रहे भूमि विवाद को लेकर रविवार को दो पक्ष लाठी, डंडा, कुल्हाड़ी लेकर आमने सामने हो गये। जमकर हुई मारपीट में पंद्रह लोग घायल हो गए। जिन्हे उपचार हेतु स्थानीय सी एच सी लाया गया जहाँ दो सगे भाइयों सहित तीन की हालत गंभीर देखकर चिकित्सक ने उन्हें जिला चिकित्सालय भेजा, जहाँ देखते ही चिकित्सको ने तीनों को मृत घोषित कर दिया। उधर तीन मौतो की सूचना मिलते ही प्रशासन के हाथ पाव फूल गये। गांव में सर्किल के कई थानो की पुलिस फोर्स लगा दी गई है। एसडीएम राजेश वर्मा व क्षेत्राधिकारी जितेन्द्र दूबे पुलिस टीम के साथ गांव में डटे हुए है।
फिरोजपुर गाँव निवासी रामचंदर पासवान और पड़ोसी राम खेलावन पासवान के बीच आबादी की जमीन को लेकर महीनों से विवाद चला आ रहा था। रविवार को इसी भूमि पर रामचंदर ने निर्माण कार्य शुरु कर दिया। जिसका राम खेलावन के पक्ष ने बिरोध करना शुरू कर दिया। कहासुनी के बाद आपस में जमकर मारपीट शुरू हो गई। दोनों तरफ से लाठी डंडा और धारदार घरेलू उपकरण निकाल एक दूसरे पर प्रहार शुरू हो गया। जिसमे एक पक्ष के रामचंदर, बैजनाथ, राजेश, मुकेश, अर्जुन, भीम, बिंदेश, इन्द्रेश और भाना देवी तथा दूसरे पक्ष के राम खेलावन, जियालाल, पप्पू, धर्मेन्द्र, निन्हू और केशव घायल हो गए। गंभीर रूप से घायल एक पक्ष के बैजनाथ (45) पुत्र बंशी तथा दूसरे पक्ष के रामखेलावन व इनका सगा छोटा भाई जियालाल (48) पुत्र गण पुद्दन की जिला चिकित्सालय में मौत हो गई।
इस घटना के बाद से गाँव में पुलिस की भरमार हो गई है। अगर यही पुलिस समय रहते अपने कार्य को कुशलता से करती तो तीन जिंदगी बच सकती थी और इतने लोग घायल भी ना होते । अक्सर थानों की पुलिस कोई विवादित मामला थाने पर आता है तो उस पर ध्यान नहीं देती और वह उभय पक्षों को थाने पर बुलाने का प्रयास करते हैं । अक्सर थाने पर ना आकर लोग आपस में मारपीट कर लेते हैं तब उस थानों की पुलिस या दरोगा मजबूरन समय निकालकर वहां पहुंचना होता है।अगर यही कार्य सक्रियता से शुरू से ही किया जाए तो प्रशासन का भय भी लोगों में होगा और इस तरह की घटनाएं शायद देखने में ना आए।
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