अटल बिहारी बाजपेयी---भारतीय राजनीति के एक सतयुग का अंत।

 अटल बिहारी बाजपेई जी भारतीय राजनीति की एक ऐसी शख्सियत है जिनका कोई जवाब नहीं ।भारत जैसे विभिन्न धर्मों के मानने वाले देश में,विभिन्न जाति के लोगों के बीच सब में लोकप्रिय होना आसान बात नहीं है ।अटल बिहारी वाजपेयी जी में ऐसी खूबियां थी की वह सभी के लोकप्रिय नेता थे। जिसका कोई शत्रु नही अजातशत्रु थे, आज भारत ही नहीं पूरा विश्व उनकी मृत्यु पर आंसू बहा रहा है एक महान व्यक्ति की सर्वोत्तम उपलब्धि यही है कि उसकी अनुपस्थिति में लोग उसे दिल से याद करें ।


बहुमुखी प्रतिभा के धनी अटल बिहारी वाजपेई जी एक कवि ,एक पत्रकार होने के साथ एक भावुक इंसान तथा एक कुशल राजनीतिज्ञ  जो सिर्फ लोकहित में यकीन रखते थे तथा विपक्ष में भी एक अच्छे व्यक्ति के रुप में सबके दिल में छाए रहने वाले महान व्यक्तित्व थे ।यह अपने आप में एक बहुत बड़ी उपलब्धि है ।आज की राजनीति के दौर में ऐसे नेताओं का होना असंभव ही है। वैसे विधाता हमेशा इस धरा पर कुछ न कुछ रचनात्मक करता रहता है । कुछ भी हो सकता है।  किंतु वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए यह लगता है कि आज की भारतीय राजनीति में इस तरह के व्यक्तित्व का होना आसान नहीं है । साधारण पत्रकारिता से देश सेवा के कार्य को प्रारंभ करके विश्व के महानतम नेताओं तक पहुंचना यह उनकी एक अनूठी उपलब्धि है ।

कुशल राजनीतिक व्यक्ति के तौर पर ही नहीं एक महान व्यक्ति के तौर पर भी अटल बिहारी वाजपेयी जी हमेशा सभी के दिलों में राज करेंगे ।भारत के उत्थान की वास्तविक नींव अटल बिहारी वाजपेयी जी के शासन के बाद ही पड़ी है जब सूचना क्रांति तथा निजीकरण का वह दौर चालू हुआ जिसमें रोजगार की संभावनाएं बढ़ी और विकास की संभावनाएं भी बढ़ी। उसके बाद से भारत विश्व में अपनी पहचान बनाने लगा । पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर घेरने का कार्यक्रम अटल बिहारी वाजपेई जी की ही देन है जिसमें उन्होंने उसकी जवाबदेही तय की कि वह अपनी भूमि से आतंकवाद को नहीं होने देगा। यद्यपि परवेज मुशर्रफ की दगाबाजी के बाद अटल बिहारी वाजपेई जी को कारगिल जैसे युद्ध की विभीषिका को झेलना पड़ा , किंतु उन्होंने देश का सम्मान नहीं झुकने दिया ।पोखरण में परमाणु परीक्षण करके उन्होंने विश्व को यह दिखा दिया कि हमारी सुरक्षा आपकी मर्जी पर निर्भर नहीं है। जिसके बाद अमेरिका समेत तमाम देशों ने आर्थिक प्रतिबंध लगाया किंतु अटल बिहारी बाजपेयी जी ने देश को झुकने नहीं दिया ।उन्होंने कहा कि हमारा परमाणु कार्यक्रम आत्मरक्षा का है। हम पहले इसका किसी पर प्रयोग नहीं करेंगे किंतु अपनी सुरक्षा से समझौता भी नहीं करेंगे। यह देश रहेगा । बहुत से नेता पैदा होंगे । बहुत से नेता इस धरा को छोड़कर जाएंगे । लेकिन सबके दिलों में अमर बन जाना, यह बहुत कम लोगों को ही नसीब होता है ।3 बार देश के प्रधानमंत्री के पद को  सुशोभित करने वाले माननीय अटल बिहारी बाजपेईजी  आज पूरा देश भावभीनी श्रद्धांजलि दे रहा है। सबकी आंखें नम है ।क्या पक्ष, क्या विपक्ष, उनके व्यक्तित्व की सब तरफ चर्चा है । एक बेदाग राजनैतिक जीवन का होना उनकी महान उपलब्धि है जो इस युग में असंभव है । आज की राजनीति तो ऐसी हो चुकी है कि जिसको गुंडाराज ,माफिया राज, आर्थिक रूप से अपने कब्जे में रख रहा है । आज के इस माहौल में अटलजी जैसे व्यक्ति की कमी निश्चित रूप से बहुत दुख की बात है । देश की यह क्षति भरपाई के योग्य नहीं है।

पंचतत्व में विलीन हुए अटल

लोकप्रिय नेता आज शुक्रवार को शाम पंचतत्व में विलीन हो गए बाकी रह गयीं तो उनकी स्मृतियां जिसने उन्हें लोकप्रियता के शिखर पर आसीन किया था। उनकी दत्तक पुत्री नमिता भट्टाचार्य ने उन्हें मुखाग्नि दी।सभी राजकीय सम्मान आदि के बाद उन्हें अर्थी पर लिटाया गया तथा परिजन उन्हें चिता तक ले गए।

रिपोर्टर

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