प्रशासन गुंडा या रसूखदार, आम जनता के नसीब में दुःख

लापरवाह प्रशासनिक व्यवस्था के कारण स्वच्छता अभियान की उड़ रही हैं धज्जियां, जिम्मेदार कौन ?


खुटहन, जौनपुर। विकास खंड खुटहन से चंद कदमों की दूरी पर खुटहन चौराहे के समीप बने सार्वजनिक सुलभ शौचालय में ताला लगा हुआ होने से लोग बाहर मल मूत्र त्यागने को मजबूर हैं जिससे सरकार के स्वच्छता अभियान को ठेस पहुँचती है। आसपास के लोगों से सम्पर्क करने पर उन्होंने बताया कि यहाँ तो हर समय ताला लगा रहता है।

यहाँ प्रश्न यह है कि आम जनता के पैसे से और आम जनता के लिये बने इस शौचलय में प्रशासन ने ताला क्यों लगा रखा है? क्या यह प्रशासन की गुंडागर्दी नहीँ है ? जहाँ प्रशासन ही गुंडागर्दी पर उतारू हो वहाँ आम जनता की समस्या को सुनने वाला कौन होगा ? लोकतंत्र में यह स्थिति भयावह और दुःखद है। आखिर शौचालय के आसपास फैले मल मूत्रो से होने वाले संक्रामक  रोगों का जिम्मेदार कौन होगा ? अभी तो लोगों को यह ज्ञात नहीं है कि इसमें ताला क्यों लगा है ? यदि यह ताला प्रशासन का है तो यह प्रशासन की लापरवाही या गुंडागर्दी है जो सही नहीं है।

यदि यह ताला किसी रसूखदार दबंग व्यक्ति ने लगा रखा है तो यह प्रशासन की घोर असहाय स्थिति व नाकामी को दर्शाता है। 

दोंनो में चाहे जो भी स्थिति हो ,आम जनता को भाग्य में खुले में मल मूत्र त्यागना व उससे उतपन्न रोगों का  दुःख दर्द सहन करना ही है।

रिपोर्टर

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