चन्द्र शेखर आजाद की जयंती पर परशुराम सेना के द्वारा माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलित कर दी गई श्रद्धांजलि

कैमूर-- जिला जिला मुख्यालय भभुआं स्थित टाउन हाई स्कूल प्रांगण में भारत मां के वीर सपूत स्वतंत्रता सेनानी क्रांतिकारी चन्द्रशेखर आजाद की जयंती 23 जूलाई को परशुराम सेना के द्वारा द्वारा माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलित कर दी गई श्रद्धांजलि। कार्यक्रम की अध्यक्षता परशुराम सेना के प्रदेश अध्यक्ष विनोद कुमार तिवारी ने किया सम्मिलित महानुभावों द्वारा भारत मां के वीर सपूत क्रांतिकारी चन्द्रशेखर आजाद की जयकारों के साथ माल्यार्पण किया गया साथ ही दीप प्रज्जवलित कर श्रद्धांजलि अर्पित किया गया। परशुराम सेना प्रदेश अध्यक्ष विनोद तिवारी ने चन्द्रशेखर आजाद की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा चन्द्रशेखर आज़ाद का जन्म 23 जुलाई, 1906, भाबरा [अब मध्य प्रदेश] भारत—मृत्यु 27 फ़रवरी, 1931, इलाहाबाद [अब प्रयागराज] में हुआ था। आजाद एक भारतीय स्वतंत्रता क्रांतिकारी थे जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान, क्रांतिकारी युवाओं के एक दल को संगठित और नेतृत्व किया। उनका पूरा नाम चन्द्रशेखर सीताराम तिवारी था। चंद्रशेखर आज़ाद का जन्म बेहद गरीब परिवार में हुआ था और उन्होंने मात्र 15 साल की उम्र में घर छोड़ दिया था। कुछ वक्त तक बंबई में रहने के बाद चन्द्रशेखर बनारस चले गए और संस्कृत के एक विद्यालय में रहने लगे। जहां से राष्ट्र की स्वतंत्रता हेतु अग्र भुमिका में रहें।

“मैं आजाद हूँ, आजाद रहूँगा और आजाद ही मरूंगा” यह नारा था।


भारत की आजादी हेतु संघर्ष करते हुए वर्ष 1931 प्रयागराज "अल्फ्रेड पार्क में क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी चन्द्र शेखर आजाद अंग्रेज़ों द्वारा एक भयंकर गोलीबारी में वीरगति को प्राप्त हुई। उक्त अवसर पर संगठन के प्रदेश सचिव अभय पाण्डेय, कोषाध्यक्ष अधिवक्ता मनीष ओझा, अमित ट्विंकल, अनिल पाण्डेय, अजय कुमार दूबे, अधिवक्ता लक्ष्मीकांत तिवारी, सत्यव्रत पंकज पांडेय, पवन मिश्र, रिंकू चौबे, रवि पटेल, शत्रुघ्न तिवारी, पौरूष तिवारी, अमित तिवारी, मनोज चौबे सहित सैकड़ों की संख्या में लोग सम्मिलित हुए।



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