गर्म हवाओं के कारण लू की चपेट में आ सकते हैं लोग, करें उचित प्रबंधन : सिविल सर्जन


- इस वर्ष में अब तक सबसे गर्म दिन रहा शुक्रवार, 43 डिग्री सेल्सियस पहुंचा पारा

- स्वास्थ्य विभाग ने जिले वासियों को किया सतर्क, कहा- लू  की चपेट में आने पर मरीज को तत्काल अस्पताल लाएं


बक्सर।। | जैसा की मौसम विभाग ने पूर्व में ही चेतावनी जारी कर दी थी कि इस वर्ष हीट वेव (लू) लोगों को काफी परेशान करने वाला है। जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने भी सूबे के सभी जिलों के लिए अलर्ट जारी कर दिया था। साथ ही, स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिले के सभी प्रखंडों को अलर्ट मोड पर रहने का निर्देश दिया है। ऐसे में इस बार की गर्मी को देखते हुए लोगों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। मौसम विभाग के अधिकारी वेब साइट्स के अनुसार शुक्रवार का दिन इस साल का अब तक सबसे गर्म दिन रहा। जिले में 30 से 37 घंटे की रफ्तार से लू चल रही है। जिससे न केवल इंसान वरन पशु पक्षियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग लोगों को सतर्क करने में जुट गया है। ताकि, लोगों को जागरूक कर उन्हें लू की चपेट में आने से बचाया जा सके।

इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ. सुरेश चंद्र सिन्हा ने बताया कि जिले में लू का प्रकोप शुरू हो गया है। जिसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अपनी ओर से पूरी तरह से तैयार है, लेकिन लू से बचाव के लिए लोगों को अपने स्तर पर भी उचित प्रबंध करने होंगे। जिससे वो स्वयं के साथ अपने परिवार के सदस्यों को लू की चपेट में आने से बचा सकें। उन्होंने बताया कि अगर कोई व्यक्ति की लू की चपेट में आ जाता है और समय रहते इसके लिए उपचार नहीं लेता है, तो इसकी वजह से सेहत को गंभीर नुकसान हो सकता हैं। हालांकि कुछ गर्मियों में कुछ जरुरी बातों को ध्यान में रखते हुए आसानी से लू से बचा जा सकता है। दूसरी ओर, लू की चपेट में आए लोगों के इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग ने पूरी तैयारी कर ली है। सदर अस्पताल के साथ साथ डुमरांव अनुमंडल अस्पताल और सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में बेड सुरक्षित कर लिया गया है। जिसका इस्तेमाल आपात स्थिति में किया जाएगा।


गर्म हवाओं के कारण शरीर से पानी का ह्रास होने लगता है :


एसीएमओ सह डीएमओ डॉ. शैलेंद्र कुमार ने बताया कि जब कोई लू के बीच बाहर निकलता है, तो गर्म हवाओं के कारण शरीर से पानी का ह्रास होने लगता है। इस वजह से शरीर में गंभीर पानी की कमी हो जाती है। पानी के साथ-साथ शरीर से कई जरुरी पोषक तत्व भी निकल जाते हैं। इस सब की वजह से शरीर का तापमान बहुत ज्यादा बढ़ जाता है और शरीर किए बढ़ती गर्मी को कंट्रोल करना काफी मुश्किल हो जाता है। लू की चपेट में आने पर सबसे पहले लोगों में बुखार की समस्या देखने को मिलती है, उसके बाद धीरे-धीरे व्यक्ति की समस्याएं बढ़ने लगती हैं। इसकी वजह से व्यक्ति गंभीर सिरदर्द, उल्टी और दस्त आदि जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि अगर लू लगने पर व्यक्ति इस पर समय रहते ध्यान नहीं देता है, तो यह गंभीर रूप ले सकती है। इसकी वजह से हार्ट अटैक, स्ट्रोक, किडनी रोग, फेफड़ों से जुड़ी समस्याएं और अगर किसी व्यक्ति को पहले से कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो उनकी स्थिति बदतर हो सकती है। इसलिए लू लगने के बाद मरीज को तत्काल अस्पताल ले जाना चाहिए। जिससे उसकी जान बचाई जा सके।


लू लगने के लक्षण :

• बहुत अधिक पसीना आना

• हार्ट बीट बहुत धीमी या तेज होना

• उल्टी और मतली की समस्या

• मांसपेशियों में ऐंठन महसूस होना

• शारीरिक रूप से कमजोरी महसूस होना

• गंभीर सिरदर्द

• बहुत थकान महसूस

• चक्कर आना

• त्वचा ठंडी, पीली पड़ना


गर्मियों में लू की चपेट में आने से कैसे बचें :

• कोशिश करें कि गर्मियों में पानी और अन्य तरल पदार्थों का सेवन बढ़ा दें।

• बहुत जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलें।

• दिन के समय धूप और गर्म मौसम के बीच अधिक समय बिताने से बचें।

• गर्म मौसम में बहुत टाइट कपड़े पहनने से बचें, कोशिश करें की ढीले-ढाले और हल्के कपड़े पहनें।

• धूप में जाते समय छाता लेकर निकलें या टोपी पहनें।

• कमरे का तापमान हल्का ठंडा रखें।

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