मांगों को लेकर 21वें दिन भी कड़ाके की ठंड को बेअसर कर किसान धरने पर

देश व प्रदेश के शासनिक प्रशासनिक न्यायिक व्यवस्था न्याय दिलाने में दिख रही विफल


 जिला संवाददाता कुमार चन्द्र भुषण तिवारी की रिपोर्ट

कैमूर ।। जिला के चैनपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत मसोई गांव स्थित पीएनसी कैंप में जिला के किसान, सरकार द्वारा भारतमाला परियोजना वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए अधिग्रहित भूमि की उचित मुआवजा की मांगों को लेकर, 21वें दिन भी इतनी कड़ाके की ठंड को बेअसर कर अड़े हुए हैं धरने पर। आपको बताते चलें कि भारतमाला परियोजना वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेस-वे निर्माण में, सरकार द्वारा जिला के बहुत से किसानों का भूमि अधिग्रहित किया गया है।जिसमें की किसानों का आरोप है कि सरकार द्वारा भूमि का उचित मुआवजा नहीं दिया जा रहा है। जिसके लिए किसानो द्वारा लगभग 2 वर्षों से अपनी मांगों को लेकर बार-बार अधिकारियों के समक्ष उपस्थित हो आवेदन सौंपने के बाद बार-बार अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया। पर अपनी मांगों को पूरा होते ना देख जिला के सैकड़ो किसानों द्वारा, भाजपा किसान जिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष विमलेश पांडेय के नेतृत्व में विगत 2 जनवरी को, धरौली बॉर्डर से मसोई पीएनसी कैंप लगभग 20 किलोमीटर पदयात्रा कर अनिश्चितकालीन धरना प्रारंभ किया गया था , जो की इतने कड़ाके की ठंड में  सोमवार को 21 वें दिन भी प्रारंभ रहा। इस दौरान किसानों द्वारा केंद्र सरकार, राज्य सरकार व जिला प्रशासन के विरोध में जमकर नारेबाजी किया गया।इस कड़ी में किसानों ने उचित मुआवजा नहीं तो सड़क नही,किसान यूनियन जिंदाबाद, जय जवान जय किसान के नारे लगाए।मौके पर मौजूद किसान नेता पशुपतिनाथ सिंह ने बताया कि सरकार द्वारा किसानों की भूमि औने-पौने दामों में अधिग्रहित किया गया है जो कि किसानों को मंजूर नहीं है। विगत 2 जनवरी से ही लगातार धरना प्रदर्शन जारी है, लगता है बिना संघर्ष के मुद्दों का हल होने वाला नहीं है।किसानों के लिए करो या मरो की स्थित बन चुकी है। यूपी सरकार द्वारा बगल की जमीन का उचित भाव दिया जा रहा है, जबकि बिहार सरकार द्वारा अर्जित भूमि का एक चौथाई मुआवजा तय किया गया है, जबकि भूमि स्तर सामान्य है अंतर केवल सीमा रेखा का है।उन्होंने कहा कि जब तक सरकार हमसभी के मांगों को पूरा नहीं करती तब तक हमलोग धरना स्थल से नही हटेंगे।चाहे इसके लिए किसानों को अपना प्राण ही क्यों न न्यौछावर करना पड़े।उन्होंने बताया कि उन्हें पूरा विश्वास है कि सरकार किसानों के संघर्षों के आगे जरूर झुकेगी और किसानों को सफलता मिलेगा।किसानों को केवल गांधीवादी तरीके से तन- मन से धरने को एकजुट होकर सफल बनाना है। आपको बता दें कि धरना स्थल पर बीते दिनों धरने के क्रम में एक किसान का मृत्यु भी हो चुका है। फिर भी इतनी कड़ाके की ठंड में 21वें दिन भी कड़ाके की ठंड को बेअसर कर किसान अपनी मांगों को लेकर पीएनसी कैंप के अंदर धरने पर अड़े हुए हैं। यदि देखा जाए तो देश व प्रदेश के शासनिक प्रशासनिक न्यायिक व्यवस्था किसानों को न्याय दिलाने में विफल दिख रही है। धरना स्थल पर किसान नेता अभिमन्यु सिंह,अवधेश कुमार सिंह, रामेश्वर पांडेय, श्यामसुंदर सिंह, रामलाल साह, भूपेंद्र सिंह इत्यादि उपस्थित रहे।

रिपोर्टर

संबंधित पोस्ट